आवे जावे मन बहलावे। जो जो पूछो बात बतावे। दूरन से वो लागे अपना। ऐ सखि साजन?ना सखि सपना। छैल  छबीला  वो हो जावे। मदमस्त चाल से वो रिझावे। साथ कभी उसने नहिं छोड़ा। ऐ सखि साजन?ना सखि घोडा। बिन उसके कुछ भी न होवे। दिन रात  की निदियां खोवे। […]

सबसे सुंदर देश हमारा,विश्व को यह बतलाना है हाथ मिलाकर बढ़ो साथियों,भारत स्वच्छ बनाना है सोच बदलने देश बदलने एक मसीहा आया है छोड़ गंदगी शुचिता धारो,यह हमको समझाया है मातृभूमि को जन्नत करने,यह अभियान चलाना है हाथ मिलाकर … खुद समझो सबको समझाओ महत्ता कूड़ा दान की प्रबंधन से […]

प्यार तुझ से करता हूँ / पर ज़माने से डरता हूँ / प्यार में कही मजहब न आ जाये / तभी तो प्यार का इजहार करने से डरता हूँ / पर कसम तेरी मैं प्यार बस तुझसे ही करता हूँ /१/ प्यार में न कोई छोटा, न बड़ा दिखता है […]

नीरू की शादी एक खाते – पीते परिवार में हुई थी । पर कहते हैं न सभी का समय एक समान नहीं रहता । कुछ पति की बुरी संगत तो कुछ ससुर की बीमारी की वजह से नीरू को अपने सारे गहने, मकान सभी बेचना पड़े । एक समय ऐसा […]

जंग लगे आईने में अक्स देखता हूँ अंदाज देखता हूँ तस्वीर धुंधली दिखती है पर दिखती तो है… बूढ़ा आईना भी… अपना काम करता है ताज्जुब है… समय की लकीरों से… आबोहवा से… आईनों के बदल गये है … स्वरूप… आधुनिकता का रंग… चढ़ गया है… लेकिन… आईना है आखिर […]

 शैली और रोहन एक ही महाविद्यालय में पढ़ते थे । दोनों ने एस.एस. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय से एम. एस -सी. किया और नौकरी की तलाश में जुट गए । दोनों एक ही मोहल्ले में रहते थे । दोनों के परिवारों में भी अच्छे संबंध थे परंतु शैली और रोहन […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।