हे पावन से दीप, धरा का तम हर दो। जग के कण-कण में, सुंदर आभा भर दो॥ राग-द्वेष का नाम, मिटे मानव मन से। निर्मल बुद्धि का जन, जन को वर दो॥ ज्ञान की सरिता, बहे फिर विश्व में। मरूभूमि के आंगन में, सागर कर दो॥ गीत गूँजे सदा, हर्ष […]

तम की व्यथा मिटाने को बस एक दीया ही काफी है, रोशन अन्तर्मन करने को बस एक दीया ही काफी है। अँधियारे लाख मिले पथ में,न सरोकार मुझको उनसे, जग की आँखों का तारा,भटके राही का मात्र सहारा मैं… जग को विश्वास दिलाने को बस एक दीया ही काफी है।। […]

आज सीताराम चौकसे(सेवानिवृत्त डिप्टी कलेक्टर) की वृद्धाश्रम में मृत्यु हो गई थी। पूरा आश्रम शोकाकुल था,रिया फूट-फूटकर रोए जा रही थीl इसका दादाजी से कोई खून का रिश्ता नहीं था, सिर्फ एक संवेदना थी जो उसे इन बुजुर्गों के पास रोज खींच लाती थी,पर आज वह ऐसे रो रही थी जैसे […]

रत्न विभूषित छम-छम करके,इतना क्यूं  ललचाती हो। मेरे वश में नहीं हो फिर भी,मुझको क्यूं पास बुलाती हो॥ मैं गँवार जो गाँव का ठहरा,तेरी कीमत क्या जानूं। जो कहते फिरते हैं सब वो,मैं तो बस उतना मानूं॥ मैं छल से तुझे नहीं चाहता,सच्चाई से आओगी। पता नहीं आओगी या भी, […]

धर्म-अधर्म, द्रोही-भक्त कुछ न, नीति-कुनीति है। देश जिससे ग्रसित है, बस क्षुद्र राजनीति है….॥ नीला-हरा, सफ़ेद-भगवा नयनाभिराम, सबरंग है। स्याह-सा जो दिख रहा, इसका ही बदरंग है….॥ धर्म-संस्कृति-लोकाचार, हो रहे,वार पर वार ‘मत’ जुटाने का भला, ये कैसा प्रबंध है! दिखती राह,जुदा-सी इनकी, पर भीतर,गहरा सम्बन्ध है….॥       […]

राजनीत का गेट खुला है, सबको अंदर आने दो, कपट-द्वंद के वाद्ययंत्र पर सबको मंतर गाने दो। अपनी झांकी आगे रखता, हर शख्स यहां पर नेता है, भर चातुर्मास परकम्मा करता दिग्गी भी अभिनेता है। देख लचीलापन खेमों में इनकी नीदें खुलती हैं, चैन चुनावी बिन सोने की,हीरा भाव में […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।