मुसाफिर हूँ मैं यारों चलने लगा हूँ मुझे फिक्र कैसी मचलने  लगा  हूँ वहीं  हाल में  हूँ जैसा था  पहले कभी तुम न सोचो बदलने लगा हूँ मुड़कर पीछे कभी ना देखा हमने मस्ती में  अपनी ही  बढ़ने  लगा  हूँ गिराने की कोशिश करता रहा ये जमाना मगर गिर के […]

बेचैन दिल को करार क्यों नहीं आता मुझसे मिलने मेरा यार क्यों नहीं आता जब हम मरते है इतना दिलों जान से उसे भी मुझपर प्यार क्यों नहीं आता वो देखकर मुझको नजर फेर लेता है मिलने मेरा दिलदार क्यों नही आता तसल्ली तो दे जाए मेरे दिल को कोई […]

राह हिंसा की तुम अपनाना नहीं जिंदगी बेकार,प्यार जिसने जाना नहीं राह अपना लो अहिंसा की यारों    शत्रु किसी को भी  बनाना  नहीं जहां चल  रहा  मोहब्बत  से  मानो   नफरतों को कभी तुम टिकाना नहीं गले से सभी को लगा लेना तुम    आँखे किसी को दिखाना नहीं […]

टूटे दिल को भी गुलशन एक सेहरा लगता है   लगी चोट दिल मे,दर्द बहुत गहरा लगता है मिलने की उम्मीद भी भला कैसे करते    हवेली में तेरी अब तो शख्त पहरा लगता है खुशियाँ कोसो दूर हो गई जैसे मुझसे    वक्त मानों  जैसे अब  ठहरा लगता है […]

मुश्किल बड़ी डगर में हूँ अभी तो मैं सफर में हूँ अपना कोई दिखता नहीं लगता है मै शहर में हूँ जिंदा यहां कातिल शहर में माँ की दुआओं की असर में हूँ नाम है मेरा या बदनाम हूँ मैं किस अखबार की खबर में हूँ जाने क्या होगा अंजामे […]

अमन शांति क्यों भंग हो रही……… इंसान आज झूठ बोलता मिला है कुछ नहीं बस जहर घोलता मिला है जात पात ऊंच नीच में उलझा हुआ खुद को रुपयों पैसों से तौलता मिला हैं शराफत का दौर जैसे खत्म हो रहा हो नशे की लत बढ़ी और डोलता मिला है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।