जिसे न पढ़ना आता है, न पढ़ाना आता है, वही शिक्षक बिहार का कहलाता है होता है समय विद्यालय के खुलने का वो घर पर सोया पाया जाता है सरकारी नियमों को ताक में रख मनमानी करने लगता है बिना अवकाश स्वीकृति के घर में पाया जाता है यहाँ सब […]

ममता शब्द का अर्थ सुना था, अब तक तो हम सबने प्यार। क्या पता था ये ममता ही, प्यार पर अपनी जान देगी वार।। :- जन्म दिया था एक माँ ने, एक माँ ने गोद खिलाया. दो माँ दो बाप हुए कितना अच्छा नसीब था पाया.. पाल पोषकर बड़ा किया, […]

लोगो से मिलोगे, तभी उनकी भावनाओ को समझोगे / जब भावनाओ को समझोगे, तभी एक दूसरे के दोस्त बनेंगे / जब दोस्त बनेंगे तो, एक दूसरे को समझेंगे / जब समझ जायेंगे तो, फिर निरंतर मिलते रहेंगे / जब निरंतर मिलते रहेंगे, तो ही तो रिश्ते बनेंगे / और जब […]

         एक निश्चित भौगोलिक सीमा के भीतर रहनेवाले एक जन-समूह को ही तो हम राष्ट्र कहते हैं, जिनकी एक पहचान होती है और वह समूह आम तौर पर धर्म, इतिहास, नैतिक आचारों या विचारों, मूल्यों आदि में एक समान दृढ़ता रखता है । इसे और भी साफ […]

1. पालन पोषण पेड़ प्रिय, परम्परा पितभाँति। पैर *प्रलोभन* पंथ पर, पंछी पथिक पदाति।। 2. पौरुष पथ पहचान पुरु, पूत पेड़ प्रतिपाल। *प्रलोभन* प्रतिघात पहल,पातक पड़े पताल। 3. पल पल प्रण पूरा पड़े, *प्रलोभन* परित्याग। पान  पताशा  पाहुना, पूजन पेड़  प्रयाग।। 4. पेड़ पर्वती पर्यटन, पथजलीय पतवार। परे *प्रलोभन* पातकी, […]

बात कुछ ना थी बवंडर हो गए, महल आलीशान खंडहर हो गए, ======================= वक्त के हाथों बचा ना कोई भी, दफन कितने ही सिकंदर हो गए, ======================= थोड़ी शोहरत थोड़ी इज्ज़त क्या मिली, वो जो कतरा थे समंदर हो गए, ======================= हो गए सीने से मेरे आर पार, लफ्ज़ तेरे […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।