कर लो कर लो, भारत की सैर भैया। मिल जाएंगे , खुशियों के ढेर भैया। कर लो कर लो…… चाहे जानों इतिहास, चाहे जानों भूगोल। चाहे जानों धरती है, गोल भैया । कर लो कर लो……. चाहे देखो रंग रूप, चाहे देखो पोशाकें। चाहे सुन लो, अनेकों बोल भैया। कर […]

मीरा की आंखों से अश्रुप्रवाह जारी है । सूरदास जी की आंखों से अश्रु प्रवाह जारी है । राधा के नयन भी बरस रहे हैं और गापियों की विरह वेदना आह बनकर निकल रही है । ये वो दृश्य हैं जो प्रेम को नई उंचाईयो देते हैं । स्वार्थ रहित […]

आजादी के झंडे को हम , आत्मविश्वास से फहराएंगे , जीवन की उपलब्धियों को हम , देश के नाम करायेंगे , संविधान के अनुच्छेदों को , शब्द-शब्द हम देश के काम लाएंगे , आजादी के लहू को हम , जीवन भर याद रखेंगे , 26 जनवरी को शपथग्रहण कर , […]

मतदाता दिवस पर ले लो बड़ा संकल्प वोटर बनना लाज़मी यही है बड़ा विकल्प देश के नागरिक हो निभाओ अपना फ़र्ज वोटिंग बूथ पर जाकर नाम कराओ अपना दर्ज फिर जब भी होंगे चुनाव नेता करेंगे तुमको याद एड़िया रगड़ेंगे चोखट पर वोट की करेंगे फरियाद देश के भविष्य की […]

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के “लक्ष्यभेद पब्लिकेशंस” से प्रकाशित होने वाली सर्वप्रथम हिन्दी डिजिटल फॉर्मेट की पत्रिका “लक्ष्यभेद हिंदी ई-पत्रिका” के वेब पोर्टल पर आपका स्वागत है। आज आपके सामने प्रस्तुत है रचनाकार आशा बंसल की एक कविता जिसका शीर्षक है “हर रोज हिंदी दिवस”: हिंदी भाषा भारत की […]

तुम मुझको दो खून अपना , मै तुमको दे दूंगा आजादी | यही सुनकर देश वासियों ने, अपनी जान की बाजी लगा दी || यही सुभाष का नारा था , जिसने धूम मच दी थी | इसी विश्वास के कारण ही उसने हिन्द फ़ौज बना दी थी || याद करो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।