*नोबल पुरस्कार से सम्मानित रवीन्द्रनाथ टैगोर की यादों का गुलदस्ता* संदर्भ:- 7,मई, टैगोर जयंती -राजेश कुमार शर्मा”पुरोहित” शिक्षक एवम साहित्यकार     कलकत्ता ब्रिटिश भारत मे 7 मई 1861 को देवेन्द्रनाथ टेगोर व माता शारदा देवी के घर जन्में रवीन्द्रनाथ टैगोर देश के सुप्रसिद्ध लेखक,कवि,नाटककार,संगीतकार एवम चित्रकार थे। वे बांग्ला […]

   परिवार में जिनकी आयु साठ वर्ष हो गए या जिनकी सेवानिवृति हो गई। वे वरिष्ठ नागरिक कहलाते हैं। वरिष्ठ जन ही परिवार की नींव होती है। लेकिन आज की पीढ़ी वरिष्ठ के साथ रहना पसन्द नहीं करते। वे एकल परिवार में स्वतंत्रता के साथ रहना चाहते हैं। किसी की […]

भाग्य जिसे दुर्भाग्य बन पग पग पर छलता रहा वो सूर्यपुत्र हो अंधकार से जीवन भर लड़ता रहा जन्मा सूरज के औरस से त्यागा लोक लाज के भय से कुरुवंश का ज्येष्ठ पुत्र सिंहासन का यथार्थ अधिकारी रहा उपेक्षित जीवन भर थी विडम्बना उस पर भारी सूतपुत्र होना उसको जीवन […]

भारत के  संविधान  में,दिए मूल अधिकार। मानवता   हक  में  रहे, लोकतन्त्र सरकार। लोकतंत्र  सरकार, लोक  से निर्मित  होती। भूलो  मत  कर्तव्य, कर्म  ही   सच्चे  मोती। कहे  लाल कविराय, अकर्मी  पाते   गारत। मिला वोट अधिकार,बनाओ अपना भारत। .                   दाता ने  हमको  दिया, जीवन  का अधिकार। जागरूक   मतदान   से,  लोकतंत्र   साकार। लोकतंत्र […]

“बधाई हो माजी लड़की हुई है” दरवाजे के पास ही बैठी हुई शैला से नर्स आकर कहती है। “क्या फिर से लड़की है?”  यह कहते हुए शैला के लफ्ज उसके गले में ही अटक जाते हैं। वह रूआसी-सी होकर नर्स की तरफ देखती है। मुस्कुराती हुई नर्स का चेहरा शैला […]

हिन्दी के सम्मान हित, कार्य करते दिन रात। मातृभाषा, परिवार  है, साहित  को सौगात। साहित को सौगात, सभी के सृजन  प्रकाशे। नवसृजक हितमान,सभी की कलम विकासे। कहे लाल कविराय ,साहित भाल की बिन्दी। अर्पण जैन  महान, समर्पित  जीवन  हिन्दी। .                      करते सृजन प्रकाश ये, हिन्दी  अंतरजाल। अर्पण जी छापे सभी, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।