सूरज चाँद सितारे है प्यारे, पेड़ पहाड़ ये झरने है सारे। प्रकृति के उपहार है निराले, ये सब मानव के है रखवाले। बादल धरती पर वर्षा करते, नदी ताल तलैया सब भरते। सावन फुहारें बूँदों की जान, तरंगिणी का कल कल गान। सूरज जग को रोशन करता, चँन्द्रमा से मिलतीे […]

सृष्टि में रंगों से ही बहार हैं| प्रत्येक रंग का अपना महत्व तथा प्रकृति है जो कि विभिन्न रोगों को दूर करने में सहायक होती है| रंगों के बिना जीवन की कलप्ना उसी प्रकार व्यर्थ है, जिस प्रकार प्राणों के बिना शरीर की | प्रकाश को जब हम परावर्तित करते […]

रावण कहता है एक बात मेरी सुन लो / क्यों वर्षो से मुझे यू जलाये जा रहे हो / फिर भी तुम मुझे जला नहीं प् रहे हो / हर वर्ष जलाते जलाते थक जाओगे / और एक दिन खुद ही जल जाओगे /१/ मैंने सीता को हरा, हरि के […]

पराम्बा शक्ति पार्वती के नौ रूपों में  छठा रूप  कात्यायनी का है । अमरकोष के अनुसार यह पार्वती का दूसरा नाम है। यजुर्वेद में प्रथम बार  ‘कात्यायनी’ नाम का उल्लेख मिलता है। ऐसी मान्यता  है  कि देवताओं का कार्य सिद्ध करने के लिए  देवी महर्षि कात्यायन के आश्रम पर प्रकट […]

खड़े मिल गए चौराहे पर आज मुझे श्री राम बोले अब मैं लौट चला वापस फिर सुरधाम।। यहाँ जरूरत नहीं किसी को अब पुरुषोत्तम श्री राम की सर्वोच्च न्यायालय करे फैसला पहले मेरे जन्म स्थान की।। नाम पर मेरे रोज यहाँ न जाने कितने  परिवर्तन होते रोज नए वादे होते […]

गांव में बहती नदी किनारे एक महात्मा जी रहते थे सभी को कर्म अपना करना है प्रवचन में प्रतिदिन कहते थे दूर-दूर से श्रोता थे आते सुन-सुन उपदेश वापस जाते धन्य कर रहे थे धरा को जो शरीर को साधन बतलाते प्रातः काल भ्रमण को जाते नदी स्नान कर वापस […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।