हर किसी का कोई न कोई गम होता है. कोई रोकर बयां कर देता है. कोई मुस्कुरा कर दर्द को छुपा लेता है. कोई मोहब्बत में अपना हर हाल कह देता. कोई अपने दिल मे अपने जज्बातों को दफन कर लेता है. कोई किसी की यादों में अक्सर तन्हा […]

एक ज़माना वो भी देखा एक ज़माना ये भी, पहले प्रेम रहा,डरने का एक ज़माना ये भी! ००० जब वह आते गाँव हमारे निज कुटिया तक आते, नहीं पता अब है वंदे का एक ज़माना ये भी! ००० पहले आस्था पर था केन्द्रित दुर्गा जी का चंदा, रूप लिया जिसने […]

प्रदेश की बड़ी पंचायत के चुनाव की तैयारी का बिगुल बजते ही प्रतिष्ठित राजनीतिक पार्टीयों की तैयारी प्रारंभ हो गई । विभिन्न क्षेत्रों से हजारों उम्मीदवारों के आवेदन चुनाव लड़ने के लिए पार्टी कार्यालय में जमा होने लगे थे। पार्टी के वरिष्ठजनों को इन आवेदनों के आधार पर टिकट बांटने […]

मैया तेरे चरणों में थोड़ी सी जगह जो मिल जाए सच कहता हूं मेरी मैया जीवन सफल हो जाए कृपा दृष्टि तेरी मैया जिस पर भी हो जाए सच कहता हूं मेरी मैया फिर न कभी वह मन घबराए तेरे दर जो इक बार आ जाए वो न कभी फिर […]

वो राम कहाँ से लाऊ अब जो रावण का संघार करें। सीता को हरने से पहले रावण भी अपने  मन मे, सौ सौ बार विचार करें। उस को था पता कि राम जरूर आयेंगे , सीता को बचा ले जायेंगे। नही करना था उस को सीता को कलंकित इसलिए कभी […]

माँ दुर्गा की उपासना की उत्तमावस्था है महानवमी ! पूर्ण निष्ठा से की गई साधना इस दिन सिद्धि में परिणत होती है। मान्यता है कि इस दिन तक आते-आते साधक साध ही लेता है और नौवें रूप में माँ सिद्धिदात्री के रूप में प्रकट होती हैं , जो सिद्धि और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।