पशु पक्षी भी जीव है रखिए इनका ध्यान दाना पानी इनको मिले मिले सुरक्षित स्थान हिंसा इनपर करो नही ये भी प्रभु सन्तान प्यार इन्हें भी कीजिए पाइए बदले मे प्यार जीवन है अनमोल सभी का है ये ईश्वरीय उपहार जियो और जीने दो सबको परमात्म भी करेगे प्यार। #गोपाल […]

जिंदगी वह सफल है जिसमे पुरुषार्थ का फल है भाग्य नही पुरुषार्थ बड़ा है यह भाग्य से आगे खड़ा है पुरुषार्थ ही है ईश्वर सेवा जीवन मे मिलती है मेवा इससे सब अपने बन जाते आप सभी के प्रिय हो जाते जीवन मे खुशिया आ जाती परमात्म कृपा स्वत:हो जाती […]

लाल – लाल सुराही दो  मुहँ की  सुराही । तप -तपकर बनती प्यारी-न्यारी सुराही ।। शीतल गुणभरी सुराही रखें पानी ठंडा सुराही । ठंडा पानी  पीकर करें प्रशंसा इसकी हर राही ।। गर्मी  का फ्रीज सुराही घर-घर की शान सुराही । जल ही जीवन,अमृत है जन-जन को कहें सुराही ।। […]

राजयोग से आत्मा को रिचार्ज कीजिए आत्मा पर चढ़े मैल को तनिक धो लीजिए मूल धर्म पवित्रता का यूँ ही न गंवाईये विकार की कालिख पुती तो उसे हटाइये परमात्म याद से हो सकती है आत्मा की धुलाई बस पुरुषार्थ का थोड़ा साबुन तो लगाइये फिर देखिए चमक उठेगी चेहरे […]

मत  काटों इनके हाथ-पैर मत  करों  तुम  इनसे  बैर । लुप्त हुए जबसे घने जंगल बस्तियों में आने लगे  शेर ।। पेड देते फल,औषधि ढेर देते ठंडी हवा शाम-सवेर । पर्यावरण का आधार पेड करें संरक्षण,पाएं पुण्य ढेर ।।             #गोपाल कौशल परिचय : गोपाल कौशल […]

पल-पल यह दुआ करें अमीर- गरीब । दो  जून  की रोटी हो   हमारे  करीब ।। सच है  भूखा  उठे पर भूखा सोय नहीं । भला कैसे भूखा रहें जब  साथ हैं नसीब ।।         #गोपाल कौशल परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।