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मत काटों इनके हाथ-पैर
मत करों तुम इनसे बैर ।
लुप्त हुए जबसे घने जंगल
बस्तियों में आने लगे शेर ।।
पेड देते फल,औषधि ढेर
देते ठंडी हवा शाम-सवेर ।
पर्यावरण का आधार पेड
करें संरक्षण,पाएं पुण्य ढेर ।।
#गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
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