देख लहू श्र्द्धालुओं का, मन क्यों मेरा डोल उठा। देख दशा कश्मीर की, रोम-रोम मेरा आज रो उठा॥ इस पाकिस्तानी हरकत पर, इस ! इस ! इस ! पाकिस्तानी हरकत पर, खून मेरा आज खोल उठा॥ अब चाहे जो हो, अब तो कर्ज चुकाना है। आईना आतंक-ए-पाकिस्तान, को दिखाना है॥ […]
काव्यभाषा
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