फैशन का यह दौर सुहाना लगता है। अच्छा खासा मर्द जनाना लगता है। पल भर में कैसे बदलते है नक़्शे। अब तो हर लड़का शबाना लगता है। फैशन का यह दौर सुहाना लगता है। अच्छा खासा मर्द जनाना लगता है।। कैसे कैसे वो परिधान को पहनता है। और कैसा कैसा […]

मना लिया है महिला दिवस सबने पुरुष दिवस क्यों नहीं मनाते हो ? महिलाओं को देदी है आजादी, पुरुषों को क्यों गुलाम बनाते हो ? माना नारी चूल्हे में जलती है, पर पुरुष भी धूप में जलता है। मिली है जब आजादी नारी को, तो पुरुष क्यों सबको खलता है।। […]

उत्तराखंड में टूट गया चार साल का सन्नाटा डबल इंजन फेल हुआ विफलता का लगा चांटा पक्ष विपक्ष दोनों ही थे नाराज़ इंजन न चलने से सबसे फिस्सडी कहलाया काम कोई न करने से बदहाली उत्तराखंड की सबक जरूर सिखाएगी नेतृत्व परिवर्तन की घुट्टी किसी काम न आएगी।#श्रीगोपाल नारसन Post […]

जहाँ सारा दुनिया जिसकी शरण मे , नमन है उस भगवान शिव के चरण मे , हम बने उस महाकाल के चरणों की धूल , आओ हम – सब मिल कर चढ़ाये उनके चरणों में श्रद्धा के फूल ! महाकाल की हमेशा बनी रहे मुझ पर छाया , पलट दे […]

जब तक तुम न हो बिस्तर पर, मुझे जरा भी नींद नहीं आती। जब तक मिले न स्पर्श तुम्हारा, मेरे दिल में चैन नहीं है आती।। जब तक तकिया न तुम्हारे हाथो का, आंखो मे नींद नहीं है अब समाती। जब तक चादर पर न पड़े सलवटे, मेरे दिल को […]

तेरा मेरा नाम आजकल जुबा पर लोगों के रहता है। मोहब्बत के चर्चे भी दोनों के बहुत होते है। मोहब्बत कहते है किसे उदाहरण हमदोनों के देते है। और अपनी मोहब्बत को हमारे नामो से जोड़ते है।। मोहब्बत की कश्ती को तैयराना आसान नहीं होता। मोहब्बत कश्ती है तो हम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।