आम आदमी के अच्छे दिन ला दिए वो पुराने वाले दिन याद सबको दिला दिए वाह वाह मोदी जी अच्छे दिन आ गये कहते थे की कांग्रेस की सरकार खराब है बढ़ाया दाम पेट्रोल डीजल का नीयत खराब है अब स्वयं दाम दुगने तुमने बड़ा दिए वाह वाह मोदी जी………… […]

जैसे ही विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही है, मध्यप्रदेश के मुखिया के तैवर वैसे-वैसे अकड़ और दंभ से भरते जा रहे है |      मुखिया के हाल बदले से है, या तो हार का डर सता रहा है या फिर शिवराज भी समझ रहे है कि […]

हमें इस संसार में लाने वाली माँ क्या अपने बच्चों का कभी भी बुरा सोच सकती है क्या / परन्तु हम सब के जीवन में कभी कभी इस तरह के हालात पैदा हो जाते है की हमें उस समय निर्णय करना बहुत ही भरी पड़ जाता है / और हम […]

हालात के मारे हार जाता हू, कई बार फिर भी खड़ा हो जाता हूँ हर बार, बार बार इंसान हूँ, इंसान की तरह जीता हूँ टूटा हुआ पत्थर नहीं जो फिर ना जुड़ पाऊँगा। तेज धूप के बाद ढलती हुई साँझ आती जाती देख रहा बरसों से इसलिए चुन लेता हूँ हर बार नये नहीं होता निराश टूटे सपनो से। क्या हुआ जो पत-झड़ में तिनके सारे बिखर गये चुन चुनके तिनके हर बार नीड नया बनाऊँगा। इंसान हूँ, इंसान की तरह जीता हूँ टूटा हुआ पत्थर नहीं जो फिर ना जुड़ पाऊँगा। # डॉ. रूपेश जैन “राहत” Post Views: 10

आकोला | “राजकुमार जैन राजन फाउंडेशन, आकोला (राज.) द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर पिछले 12 वर्षों से नियमित प्रदान किये जा रहे बाल साहित्य सम्मानों  2018 हेतु अपनी उपलब्धियों का विवरण एवम सम्मान योग्य वरिष्ठ साहित्यकारों  के नामों की अनुशंषाएँ 20 सितम्बर 2018 तक सादर आमंत्रित है। निम्न सम्मान 13 […]

ईश्वर को ढूढ़ने निकली थी मिला मुझे वो देर से खुदा भी मिल जाता मुझे पर पता चला कुछ देर से । इत्तेफाक ही था जो निश्छल मुस्कुराहट देखने मिली कहीं औऱ नहीं वह यहीं है पहचाना मगर देर से । अब तक मूरत मज़ार को उसका घर समझ रही […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।