नई दिल्ली | माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा श्रीराम जन्मभूमि मामले में अपील की सुनवाई सम्बन्धित पीठ द्वारा आगामी 10 जनवरी को सुने जाने के लिए टाल दी गई है. अच्छा होता कि सम्बंधित पीठ का गठन सुनवाई की पिछली तारीख, यानि 29 अक्टूबर, से पहले ही कर दिया जाता. देखना […]

लोग  कहते  हैं  कि  २०१९  नया  साल है, लेकिन  नये  वर्ष  में  कौन  सा  धमाल  है, हर साल में ही होता सिर्फ वही गोलमाल है, सभी दलों में मधुर  संबंध और बोलचाल है, जनता यहां की केवल मूर्ख और  वाचाल है, वो नहीं समझते नेताओं की ही एक चाल है, […]

एक था बातुक उसे दोस्ती थी राज कुमार से वह जब कहीं जाता बातुक को अपने साथ ले जाता। एक दिन वे दोनों जा रहे थे धने जंगल सून-सान विरान राहों पर राजकुमार ने पूछा? बातुक कुछ बोलो! ऐसे चुप क्यो हो? बातुक कुछ सोचकर बोला! राजकुमार- “हम तुम एक […]

  नई दिल्ली| हमने माननीय प्रधान मंत्री का श्री राम जन्म भूमि संबंधी वक्तव्य देखा. जन्मभूमि का मामला गत 69 वर्षों से न्यायालयों में चल रहा है तथा इसकी अपील सर्वोच्च न्यायालय में वर्ष 2011 से लंबित है. प्रतीक्षा की यह एक लम्बी अवधि है. मामला गत 29 अक्टूबर को […]

मुड़-मुड़कर वो आवाज लगाती आहिस्ता-आहिस्ता, फिर मुझे देख कर वो यूँ शर्माती आहिस्ता-आहिस्ता। सखियों से पूछा करती थी वो अक्सर मेरी कुशलक्षेम, बस अपने दिल का हाल छुपाती आहिस्ता-आहिस्ता। हल्की बारिश,मीठी सी छुअन,एहसास भुला न पाई वो, मुझ से मिलने की जुगत लगाती आहिस्ता-आहिस्ता । ईमान,वफ़ा,संग,क़स्मे,वादे,बीते पल सब हैं याद […]

नए-नए साल में, नई-नई कविताएँ होंगी नए-नए पुष्प होंगे, नई-नई  लताएं होंगी नई-नई रुत होगी, नई-नई फिजांए होंगी नए-नए मंच होंगे, नई-नई  कलाएं होंगी नई-नई कहानियाँ, नई-नई कथाएँ होंगी नए-नए तराने होंगे, नई ही गाथाएँ होंगी नया साहित्य होगा, नई-नई विधाएं होंगी नए-नए अंदाज होंगे, नई ही अदाएं होंगी नए […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।