कोरोना ने पूरी तेजी के साथ पुन: दस्तक दे दी है। चारों ओर त्राहि-त्राहि मची हुई है। पीडितों का हाल बुरा है। सरकारें अपने ढंग से देश को चलाना चाहतीं हैं और डब्ल्यूएचओ अपने ढंग से। सरकारें सत्ता की ललक में निर्णय ले रहीं हैं और डब्ल्यूएचओ किसी के खास […]

लाकडाउन या कर्फ्यू से पीड़ित हमारे शहर कस्वों के लोगो पर, जिनकी कमाई पर एक बार पुनः मार पड़ने वाली है ,क्योंकि कोरोना ने अपने पैर फैलाने शूरू कर दिए हैं।कुछ राज्यो की स्थिति विचलित करने वाली हो गयी है।महाराष्ट्र,छत्तीसगढ, पंजाब मध्यप्रदेश, दिल्ली,गुजरात आदि राज्यों के आंकड़े वेचैन कर रही […]

ये कोरोना काल है या दुनिया के लिए काल है कोरोना ?? हाल में कानपुर जाने का कार्यक्रम रद किया तो मन में सहज ही यह सवाल उठा । लेखकों के एक सम्मेलन में शामिल होने का अवसर पाकर मैं काफी खुश था । सोचा कानपुर से लखनऊ होते हुए […]

भारत की भूमि का एक-एक कण खून से सींचा गया है। भारत की मिट्टी को वीर सपूतों ने अपने खून से सींचकर तैयार किया है। इस आजादी के लिए माताओं ने अपने वीर सपूतों को देश के ऊपर कुर्बान कर दिया। भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी […]

अभी कुछ दिन पहले सरकार ने बचत योजनाओं पर ब्याज दर कम करने का एक ऐसा फैसला लिया था जिसे चौबीस घंटों से भी कम समय में ही वापस लेने की घोषणा वित्तमंत्री को करनी पड़ी। कहा जा सकता है कि यह देश की अर्थव्यवस्था से जुड़ा ऐसा फैसला था […]

परीक्षा के निकट आते ही छात्रों की दिनचर्या अनियमित होने लगती है जिससे छात्रों का समय व्यवस्थापन, खानपान, आराम का समय, खेलकूद, मनोरंजन सभी की व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो जाता है। छात्रों के संवेगात्मक अवस्था में नकारात्मकता अधिक होने से उनकी संज्ञानात्मक क्षमताएं (सीखना, स्मृति, चिंतन, प्रत्यक्षीकरण व अन्य) ठीक से […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।