मूंछ

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madhusudan
देख ले मूंछ मेरी कडी।
पूँछ मेरी है इतनी बड़ी।00
काम तेरा कभी जो पड़े।
कर दूं  हल मैं खड़े ही खड़े।
याद करना मुझे उस घड़ी।
पूँछ मेरी है इतनी बड़ी।। 01।
कोई दादा हो कितना बड़ा।
सामने  यार के कब  खड़ा।
मार दूँ उसको भारी तड़ी।
मूंछ मेरी है सबसे बड़ी।।02।
तोड़ भी डाले पापड़ कही।
खा लिए मैंने  झांपड़ कही।
वीरता की है लंबी लड़ी।
मूंछ मेरी है  सबसे बड़ी।।03।
कोई टिकता कहाँ सामने।
लोगो को जो लगू डांटने।
गर  घुमादू जो अपनी छड़ी।
मूंछ मेरी है सबसे बड़ी।।04।
बीबी से भी मैं डरता नही।
पानी घर पर मैं भरता नही।
चाहे बेलन की लागे झड़ी।
मूंछ मेरी है सबसे बड़ी।।05।
डाँट बीबी ने जब यूँ दिया।
रौब ठंडा तो पल में किया।
मूंछ मेरी है कट कर पड़ी।
डाँट बीबी की मुझसे बड़ी।।06।
मर्द के दर्द को जान लो।
होता बस गर्द ये मान  लो।
भारी लालू से है राबड़ी।
मूंछ किसकी है सबसे बड़ी।।07।
नाम~ मधुसूदन गौतम
पिता~श्री नन्दबिहारी शास्त्री
माता~ श्रीमती सन्तोष
शिक्षा~अधिस्नातक
व्यवसाय~ व्याख्याता
राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय  अटरू राजस्थान
साहित्यिक~ शौक के तौर पर कलम घिसाई
विधा का नाम—कलम घिसाई

matruadmin

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