आबरु

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rajnandini ravat
उसकी आबरु को यहाँ छीन लिया जाता हैं,
जिस देश मे”बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ” का नारा दिया जाता हैं,
हर छोटे मसले पर यहाँ
बड़े फैसले होते हैं,
बस अहम बात को दबा दिया जाता हैं,
रौंद देते हो मासूमियत को पैरों तेले,
तुम्हारे अंदर का इंसान क्या मर जाता हैं,
जब आती हैं बात इंसाफ़ की,
मेरे देश का कानून किधर जाता हैं,
सीता हो,
द्रोपदी हो,
या हो निर्भया, आसिफा
क्यों,हर लड़ाई में
स्त्री के अस्तित्व को नोच दिया जाता हैं,
रहते हैं सिर्फ़ भक्षक यहाँ,
जिस धरती को देवताओं की जन्मभूमि कहा जाता हैं।
नाम – राजनंदिनी रावत
पिता का – नाम भँवर सिंह रावत
माता का नाम – छोटी देवी
आयु – 21 वर्ष
रुचि साहित्य लेखन (ग़ज़ल,कविता,कहानी आदि)
जिला – अजमेर
राज्य – राजस्थान
निवासी – ब्यावर शहर

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।