मिलन….

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mamata

पांच पदार्थ के मिलन से
मनुष्य देह धरा,
लेकिन वो एक-दूसरे को
न समझ सका।

न विचारों का मिलन,न
स्वभाव का..
एक ही जैसी चीजों से बना ढाँचा,
फिर भी मेल नहीं खाता चेहरा।

एक-एक बिन्दु से बना है सिन्धु,
हम भी एक बिन्दु ही हैं..
बिन्दु कहते बून्द को,
सागर को कहते सिन्धु..
सिन्धु भी एक बिन्दु से बना,
बूंद आई बादल से ?
बादल आया कहाँ से,समुद्र से ?

रवि की किरणों के मिलन से,
सिन्धु का जल भाप बना..
जल उठा,आकाश में आया
बादल बना,
फिर बूंद बन नीचे आया।

जिस बिन्दु को हम अलग समझते,
वो बूंद गिरी,बह गया पानी
मिलन हो गया नालों से,
मिल गया नदी में।

नदी मिली समुद्र में,
समुद्र से ही निकला था..
जहाँ से प्रारम्भ हुआ,
वहीं हो गया अंत।

लेकिन हम मानव सिर्फ कहते हैं,
मैं तेरा,तू मेरा.
पर हम तेरे-मेरे में लगे रहते हैं..
हमने समझा कहाँ,
हमारा जन्म भी समुद्र से ही हुआ है
वो हमारे पिता हैं।

                         #ममता गिनोरिया

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।