चला जा रहा कमाने

0 0
Read Time2 Minute, 0 Second
aakib javed
मन में कुछ ठाने,
झोला,झंडी ताने,
कपड़े वही पुराने,
चला जा रहा कमाने!!
परिवार की तमाम ख्वाहिशो को,
जिम्मेदारियों से खुद को बांधे,
चला जा रहा कमाने!
कपड़े नही ढंग के तन में,
परेशानी हैं घर की सामने,
जाने को मन बिल्कुल ना माने,
फिर भी,
चला जा रहा कमाने!!
घर,परिवार,देश से दूर,
बीमार माँ-बाप से दूर,
प्यारे पत्नी बच्चों से दूर,
दिल बेक़रार और परेशान,
गरीबी,बेरोजगारी से हारे,
चला जा रहा कमाने!!
गरीबी में नही दिन गुजरता,
नही हैं, घर में कुछ खाने को,
चला जा रहा कमाने!!
कोई ना कोई आये दिन बीमार,
पैसे नही दवा कराने को,
जितना कमाये,उससे ज्यादा खर्च,
हो जाते खूब परेशान,
चला जा रहा कमाने!!
कुंठित,व्यथित मन में सोचे,
गर होता यंहा कुछ कमाने को,
अगर सरकार करती कोई इंतज़ाम,
होती फैक्ट्री,मिल या रोजगार,
ना जाना पड़ता घर परिवार से दूर,
यंही पर कुछ कमाते!
लेकिन अब तो हैं, मज़बूरी,
मन हो मायूस या कि हो उदास,
खातिर अपने परिवार को पालने,
चला जा रहा कमाने!!
परिचय : 
नाम-. मो.आकिब जावेद
साहित्यिक उपनाम-आकिब
वर्तमान पता-बाँदा उत्तर प्रदेश
राज्य-उत्तर प्रदेश
शहर-बाँदा
शिक्षा-BCA,MA,BTC
कार्यक्षेत्र-शिक्षक,सामाजिक कार्यकर्ता,ब्लॉगर,कवि,लेखक
विधा -कविता,श्रंगार रस,मुक्तक,ग़ज़ल,हाइकु, लघु कहानी
लेखन का उद्देश्य-समाज में अपनी बात को रचनाओं के माध्यम से रखना

Arpan Jain

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

इश्क़

Thu May 3 , 2018
बड़ा नाजुक है दिल उससे भी नाजुक इसे समझाना है इश्क में रुसवाई मिले या दर्द ए किस्सा पुराना है कत्ल कर के नज़रों से अदा जिसका चैन चुराना है बड़ी कातिल जिसकी आदायेँ दिल कमबख्त उसी का दिवाना है आँखें जिसके मैखाने से भी गहरी बड़ा मुश्किल उसके पाड़ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।