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अश्लीलता मन के विचारों में होती है किंतु आज यह खुलेआम सड़कों पर उतर आई है । नित्य प्रतिदिन दिल को दहला देने वाली घटनाएं मासूम अबोध बेटियों से लेकर परिपक्व , अधेड़ , वृद्धा आज वासना के भूखे भेड़ियों की हवस का शिकार हो रही हैं ,और हाल ही की घटनाओं ने तो इसे जातियों के चक्रव्यूह में फंसा कर दलगत राजनीति की हवा दे दी है । और तो और हमारी न्याय व्यवस्था जिसमें आज भी एक आम भारतीय की गहरी आस्था है , ऐसे दोषियों के लिए 12 वर्ष 16 वर्ष और अन्य आयु वर्ग के लिए अलग-अलग सजा का प्रावधान कर रही है । ऐसे हालातों में सजा सिर्फ एक ही हो भले ही वह कठोर लगे पर मृत्यु दंड से कम पर समझौता करना मानवता के साथ खिलवाड़ होगा । दोषी आजीवन सजा भुगते और रोटियां खाय मुफ्त में , जो पैसा एक आम भारतीय कि मेहनत की कमाई का सरकार के पास प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कर के रूप में जमा होता है ।
जहां साधुओं ऋषियों के देश में पूजते हैं बेटियों को देवियों की तरह , उस समाज में मासूम अबोध को नारकीय यातना में धकेलना इसका काफी हद तक जिम्मेदार है देश में घुलता पाश्चात्य सभ्यता का जहर-जहां मन की अश्लीलता कपड़ों से बाहर अपना सब कुछ बयां करती नजर आती है । पाश्चात्य सभ्यता की दौड़ में हर युवा किशोर अपने आपको नंबर एक साबित करना चाहता है , यह अंदर की बात है , सब कुछ दिखता है , एक के साथ एक फ्री जैसे वाक्यों के कुटिलता भरे विज्ञापन मीडिया प्रचार प्रसार , केबल चैनलों का बढ़ता जाल व कुछ अपवादों को छोडकर रीमिक्स एल्बम भी अश्लीलता को बढ़ावा दे रहे हैं । तो अधिकांश पारिवारिक धारावाहिकों में स्त्रियों के कुटिलता भरे दोहरे चरित्र , करोड़ों का व्यवसाय कर फिल्म व एल्बम के माध्यम से घर-घर में नग्नता का जहर परोसने वाले देशी-विदेशी चेनल के प्रसारण पर भी सेंसर बोर्ड को कैंची / प्रतिबंध लगाना होगा , संभव है युवा वर्ग में बढ़ती इस अश्लीलता व जुनूनी वारदातों पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है ,और शासन न्याय व्यवस्था को इस दिशा में ही शीघृ ही कठोर कदम उठाने होंगे , अन्यथा वह दिन दूर नहीं जब ऐसे दोषियों को न्याय-व्यवस्था सजा दे , उसके पहले ही भीड़ का समूह दोषी को अपनी क्रोधाग्नि में जलाकर राख कर देगा ।
#कार्तिकेय त्रिपाठी ‘राम’
परिचय : कार्तिकेय त्रिपाठी इंदौर(म.प्र.) में गांधीनगर में बसे हुए हैं।१९६५ में जन्मे कार्तिकेय जी कई वर्षों से पत्र-पत्रिकाओं में काव्य लेखन,खेल लेख,व्यंग्य सहित लघुकथा लिखते रहे हैं। रचनाओं के प्रकाशन सहित कविताओं का आकाशवाणी पर प्रसारण भी हुआ है। आपकी संप्रति शास.विद्यालय में शिक्षक पद पर है।
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