रिश्ता तेरा मेरा

0 0
Read Time1 Minute, 57 Second
sapana parihar
जब भी तुम उदास होते हो,
उदासी मेरे चेहरे पर छा जाती है।
आँसूओं से आँखें तेरी नम होती है,
बरसात मेरी आँखों से हो जाती है।
न जाने कौन-सा रिश्ता है हम दोनों में,
तू रातभर करवट बदलता है,नींद मुझे भी नहीं आती है।
तेरी मुस्कुराहट मेरे होंठों की हँसी का सबब है,
तू खुश है तो मेरे लब पे भी हँसी आती है।
रिश्ता तेरा-मेरा कुछ तो खास है,
तेरी हर आहट मुझ तक पहुँच ही जाती है।
एक रूहानी अहसास में हम दोनों ही बँधे हैं ‘सपना’,
तेरे मन की बात,मुझ तक पहुँच ही जाती है॥

                #सपना परिहार

परिचय : सपना परिहार की जन्मतिथि-२७ सितम्बर १९७४ और जन्म स्थान-ग्वालियर(मध्यप्रदेश) हैl आपका निवास शहर नागदा हैl एम.ए.(हिन्दी,इतिहास) तथा बी.एड. शिक्षित सपना परिहार का कार्यक्षेत्र अध्यापन(शिक्षिका) का हैl आपको सामाजिक क्षेत्र में कई संस्थाओं से जुड़ने का मौका मिला है l लेखन में आपकी विधा छंदमुक्त है,जबकि कई पत्र-पत्रिकाओं में गीत,ग़ज़ल,कहानी एवं लेख भी प्रकाशित हो चुके हैंl लेखन के लिए आप कई संस्थाओं तथा श्रेष्ठ कवियित्रि के सम्मान से सम्मानित हो चुकी हैं l अन्य उपलब्धि देखें तो आकाशवाणी (इंदौर) से रचनाओं का प्रसारण हुआ हैl आपके लेखन का उद्देश्य-मन के उदगारों को लोगों तक लेखनी से अभिव्यक्त करके पहुंचाना है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

क्यों देखे...

Fri Jan 12 , 2018
भाग्य विधाता सोच रहा सब। तू हस्तरेखाएँ क्यों देखे॥ नितदिन सूरज उगता रहता। तू ढलता सूरज क्यों देखे॥ देख गगन भी गरज रहा अब। तू सूखी जमीं को क्यों देखे॥ जग रौशन करना है तुम्हें। गम का अंधेरा क्यों देखे॥ अपने हुनर पे है यकीं जब। जाति-आरक्षण तू क्यों देखे॥ […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।