लड़कियों की बात करता है

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ranu dhanoriya
ये जमाना तितलियों की बात करता है,
तो इशारा बिजलियों की बात करता है।
यहां अजनबी लहरें बह आती हैं क्योंकि,
किनारा भी मछलियों की बात करता है॥
रातों में दिखे थे वो उलझते हुए तब से,
अंधेरा भी मकड़ियों की बात करता है।
जिसे छोड़ आए हम कहीं दूर इलाको में,
बसेरा उन झोपड़ियों की बात करता है॥
मुंह उठाकर रोशनी की तरफ मत देखो,
सवेरा कहां सर्दियों की बात करता है।
हां खोले हैं हमने भी उड़ान भरने पर,
तुम्हारा मन पक्षियों की बात करता है॥
तू खुश है जब तक सब पास है वरना,
याराना भी बेदर्दियों की बात करता है।
शम्मा ही जलाना है तो मुझे लिटा दे,
उजाला भी लकड़ियों की बात करता है॥
मौसम भी आजकल बेखबर है मदहोश,
दीवाना तभी सदियों की बात करता है।
कभी हमें भी दे दे मौका दीदार करने का,
आशियाना मस्तियों की बात करता है॥
घूंघट नहीं है फिर भी मर्यादा चाहिए,
पहनावा अब मर्जियों की बात करता है।
जरूरत है जहां,वहां पर मुंह फेरकर,
पुलिसवाला वर्दियों की बात करता है॥
अंधे शहर में अंधाधुंध मौज देख ‘रानू’
हर बेगाना लड़कियों की बात करता है॥
#रानू धनौरिया
परिचय : रानू धनौरिया की पहचान युवा कवियित्री की बन रही है। १९९७ में जन्मीं रानू का जन्मस्थान-नरसिंहपुर (राज्य-मध्यप्रदेश)है। इसी शहर-नरसिंहपुर में रहने वाली रानू ने जी.एन.एम. और बी.ए. की शिक्षा प्राप्त की है। आपका कार्यक्षेत्र-नरसिंहपुर है तो सामाजिक क्षेत्र में राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़ी हुई है। आपका लेखन वीर और ओज रस में हिन्दी में ही जारी है। आपकॊ नवोदित कवियित्री का सम्मान मिला है। लेखन का उद्देश्य- साहित्य में रुचि है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।