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कब तक यूँ ही मर-मर के जीते रहेंगे,
हम जिंदगी,
कब तकअपने हाथों नर्क करते रहेंगे,
हम जिंदगी।
सब कहते हैं कि,बड़ी ही मुश्किल से मिलती है यह ,
तो फिर आओ हंसे-हंसाएँ,जी भर जिएंगे हम जिंदगी॥
#दशरथदास बैरागी
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