कण कण में राधारमण,जमनाजल का पान। चेतन वल्लभ साधना,गाया है रसखान।। जयजय भूमी जय ब्रज मंडल। जमना पूजन नीर कमंडल।।1 चौरासी परिकम्मा करते । जीवन धन्या श्याम सुमरते।।2 पैदल चलते कर फलहारी।। बिनु पादुक से महिमा भारी।।3 सादा खाते नीचे सोते। संतो जैसा जीवन जीते।।4 पल पल बोलें राधे राधे। […]

रघुकुल वंश शिरोमणी, मनुज राम अवतार। मर्यादा पुरुषोत्तमा,कहत है कवि विचार।। जै जै जै प्रभु जय श्रीरामा। हनुमत सेवक सीता वामा।।1 लछमन भरत शत्रुघन भ्राता। मां कौशल्या दशरथ ताता।2 चैत शुक्ल नवमी सुखदाई। दिवस मध्य जन्में रघुराई।।3 नगर अवध में बजी बधाई। नर नारी गावे हरषाई।।4 दशरथ कौशल्या के प्राणा। […]

महभारत महकाव्य है,वेद व्यास का गान। एक लाख इश्लोक हैं,कहत हैं कवि मसान।। वेद व्यास ने ग्रंथ बनाया। महभारत जब नाम धराया।।१ एक लाख सब श्लोक रचाये। संत मुनी सबके मन भाये।।२ पर्व अठारह सकल कहानी। कौरव पांडव कथा बखानी।।३ आदि सभा आरण्य विराटा। करण उद्योग भीषम द्रोणा।।४ शल्य सौप्तिकआश्रम […]

पंडित रामादीन अपने परिवार के साथ तीर्थ यात्रा से लौट रहे थे। रास्ते में एक कुआं को देखकर भोजन करने के लिए बैठ गए। प्यास से मारा हुआ एक गडरिया आया और उसने जैसे ही बाल्टी को पानी के लिए हाथ लगाया, पंडित जी बिगड़ गये। गुस्सा करते हुए बोले […]

आगर के उत्तर बसे,बैजनाथ भगवान। मनोकाम पूरण करें, सदा संवारे काम।। ऊपर मंगलनाथ है,खेड़ापति के पास।। मोपे किरपा कीजिये,एक तुम्हारी आस।। रत्ना मोती सुंदर सागर। धन्य भूमी है माता आगर।।१ मध्यदेश की थी रजधानी। नवम सदी इतिहास बखानी।।२ अचलेश्वर मां तुला भवानी। भेरु केवड़ सबके स्वामी।।३ जय जय बैजनाथ भगवाना। […]

एक ओर जहां अयोध्या में राम मंदिर की आधारशिला रखी गई हैं वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन में बनाया गया डॉं दशरथ मसानिया द्वारा रामायण पहेली चालीसा बच्चों में बहुत लोकप्रिय हो रहा है । उल्लेखनीय है इस चालीसा में 40 चौपाइयों के माध्यम से 40 पहेलियां तैयार की गई हैं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।