तुम बिन क्या..

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varsha shrivastav
बिन शब्दों के कर्ण अर्थहीन हैं,
बिन चुम्बन के अधर शून्य हैंl
भुजपाश बिना क्या अर्थ भुजा का,
बिन स्वप्नों के नींद अधूरीl
भावहीन हृदय किस मतलब का है,
बिन संवेदन प्रेम भला क्याl
बिन खुशियों के समय बेमानी,
प्रेम बिना न गेह सुहाएl
प्राणवायु बिन स्वांस न चल पाई,
वैसे हम तुम मीत हैं साथीl
तुम बिन मैं भी अर्थहीन हूँ,
मुझ बिन तुम भी सूने सेll

  #वर्षा श्रीवास्तव ‘अनिदया’

परिचय:वर्षा श्रीवास्तव की जन्म तारीख १६ मार्च १९८७ और जन्म स्थान मुरैना(मध्यप्रदेश) हैl लेखन में आप उपनाम अनिदया` उपयोग करती हैंl आपकी शिक्षा-बी.एस.सी. तथा एम.बी.ए. हैl मुरैना में गोपाल पुरा में आपका निवास हैl विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाओं का प्रकाशन हुआ हैl सम्प्रति से आप महिला एवं बाल विकास विभाग में पर्यवेक्षक हैंl

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।