बिन शब्दों के कर्ण अर्थहीन हैं,
बिन चुम्बन के अधर शून्य हैंl
भुजपाश बिना क्या अर्थ भुजा का,
बिन स्वप्नों के नींद अधूरीl
भावहीन हृदय किस मतलब का है,
बिन संवेदन प्रेम भला क्याl
बिन खुशियों के समय बेमानी,
प्रेम बिना न गेह सुहाएl
प्राणवायु बिन स्वांस न चल पाई,
वैसे हम तुम मीत हैं साथीl
तुम बिन मैं भी अर्थहीन हूँ,
मुझ बिन तुम भी सूने सेll
#वर्षा श्रीवास्तव ‘अनिदया’
परिचय:वर्षा श्रीवास्तव की जन्म तारीख १६ मार्च १९८७ और जन्म स्थान मुरैना(मध्यप्रदेश) हैl लेखन में आप उपनाम अनिदया` उपयोग करती हैंl आपकी शिक्षा-बी.एस.सी. तथा एम.बी.ए. हैl मुरैना में गोपाल पुरा में आपका निवास हैl विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाओं का प्रकाशन हुआ हैl सम्प्रति से आप महिला एवं बाल विकास विभाग में पर्यवेक्षक हैंl