तुम बिन क्या..

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varsha shrivastav
बिन शब्दों के कर्ण अर्थहीन हैं,
बिन चुम्बन के अधर शून्य हैंl
भुजपाश बिना क्या अर्थ भुजा का,
बिन स्वप्नों के नींद अधूरीl
भावहीन हृदय किस मतलब का है,
बिन संवेदन प्रेम भला क्याl
बिन खुशियों के समय बेमानी,
प्रेम बिना न गेह सुहाएl
प्राणवायु बिन स्वांस न चल पाई,
वैसे हम तुम मीत हैं साथीl
तुम बिन मैं भी अर्थहीन हूँ,
मुझ बिन तुम भी सूने सेll

  #वर्षा श्रीवास्तव ‘अनिदया’

परिचय:वर्षा श्रीवास्तव की जन्म तारीख १६ मार्च १९८७ और जन्म स्थान मुरैना(मध्यप्रदेश) हैl लेखन में आप उपनाम अनिदया` उपयोग करती हैंl आपकी शिक्षा-बी.एस.सी. तथा एम.बी.ए. हैl मुरैना में गोपाल पुरा में आपका निवास हैl विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाओं का प्रकाशन हुआ हैl सम्प्रति से आप महिला एवं बाल विकास विभाग में पर्यवेक्षक हैंl

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।