बिन शब्दों के कर्ण अर्थहीन हैं, बिन चुम्बन के अधर शून्य हैंl भुजपाश बिना क्या अर्थ भुजा का, बिन स्वप्नों के नींद अधूरीl भावहीन हृदय किस मतलब का है, बिन संवेदन प्रेम भला क्याl बिन खुशियों के समय बेमानी, प्रेम बिना न गेह सुहाएl प्राणवायु बिन स्वांस न चल पाई, […]

पत्थरों की गुफाओं में कभी, रहते थे हम, निर्वस्त्र और नग्न कभी, रहते थे हम। पत्थरों के औजारों से कभी , आखेट हमने ही किया था। कच्चा माँस और रक्त कभी, हमने ही तो पिया था। जब हम तरक्कियों के दौर में, कांक्रीट के बने घरों में रहते हैं, पशुओं […]

वारिसें और सघन और सघन होती हैं, एक दर्द-सा वो दिल में जगा देती हैं। मैं अनजान था प्यार से,था न वाकिफ, तेरी तस्वीर मगर आग लगा देती है। बूँदों के गिरने से पर्वतों का क्या बिगड़ा, रहते खामोश हैं,जब-जब वो दगा देती है। अनजान लड़के जो घूमते हैं गलियों […]

धूल भरी गलियाँ वो सुहाने दिन माँगे, जिंदगी मुझसे फिर वही बचपन माँगें।। ज्येठ की दोपहर तपती जमीं पकते खजूर, अधपकी अमिया काले काले  जामुन माँगे। बरसाती पानी में निहारी थी कभी अपनी छवि, जिंदगी मझसे फिर वही पानी के दर्पण माँगे। महुआ की चौखट वो मेरे गाँव की बाखर, […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।