पत्नी

0 0
Read Time1 Minute, 41 Second
ramnivas
गर तू मेरे साथ न होती,
जी कर भी मैं क्या करता।
रुक जाता मैं कहीं गली में,
जैसे पथिक है थक जाता॥
तुम मेरे दिल की धड़कन हो,
साँस हवाले करता हूँ।
करके तुमको याद मैं हरदम,
खोया-खोया सा रहता हूँ॥
भले तुम्हारे की चाहत की,
सोच हमेशा रखता हूँ।
किसी ने पूछा क्या उपहार दिया है ?
सब कुछ अर्पण मैं करता हूँ॥
#रामनिवास कुमा
परिचय : रामनिवास कुमार बिहार राज्य के मुजफ्फरपुर से हैं। आपकी जन्मतिथि १२ जून १९७१ और जन्म स्थान-नालंदा है। स्नातकोत्तर(अंग्रेजी,पत्रकारिता और पुस्तकालय विज्ञान)तक शिक्षित श्री कुमार का कार्यक्षेत्र-मुजफ्फरपुर स्थित दूरदर्शन केन्द्र है। आप सहित्य में गहरी अभिरुचि (पुस्तक व कविता लेखन) रखते हैं। समीक्षा प्रकाशन (अंग्रेजी में तीन पुस्तकें प्रकाशित) के साथ ही ३ अन्य प्रकाशन हेतु पीएमओ में भेजी गई हैं। ऐसे ही हिन्दी में तीन पुस्तकें प्रकाशन होना बाकी है। आपको सरकार तथा साहित्य जगत से कई पुरस्कार मिले हैं। आपके लेखन का उद्देश्य-भारत के छात्र-युवाओं को लाभान्वित करना है। विभिन्न माध्यमों में आपकी कई कविताएँ प्रकाशित हुई हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

भोजन में कंकड़ है कर्नाटक का हिन्दी विरोध....

Thu Sep 14 , 2017
`हिन्दी दिवस` विशेष……… छात्र जीवन में अनायास ही एक बार दक्षिण भारत की यात्रा का संयोग बन गया। तब तामिलनाडु में हिन्दी विरोध की बड़ी चर्चा होती थी। हमारी यात्रा ओड़िशा के रास्ते आंध्रप्रदेश से शुरू हुई और तामिलनाडु तक जारी रही। इस बीच केरल का एक हल्का चक्कर भी […]
tarkesh ojha

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।