बदल चुका है देश का मौसम,
बदल चुका है ये इंसान
राजनीति की चक्की में,
पिसती जा रही आम अवाम।
धर्म-जाति में भेद बताकर,
राजनीति की धौंस दिखाकर
सांप्रदायिकता का जहर घोलकर,
राम किए जा रहे बदनाम।
राजनीति की….ll
देशभक्तों का कोई मान नहीं है,
देशसेवा का कुछ ज्ञान नहीं है
आतंकियों को शहीद बताकर,
देशद्रोही भी बन रहे महान।
राजनीति की….ll
धन से ही ये राजनीतिक है,
राजनीति में ही धन है
पैसों से सब कुछ मिल जाता,
पैसों पर बिकते सम्मान।
राजनीति की….ll
कुछ अच्छे हैं मानता हूँ,
पर बुरे को भी जानता हूँ
यह सोचकर दुखी हूँ,
कि सौ में हैं निन्यानवे बेईमान।
राजनीति की चक्की में,
पिसती जा रही आम अवामll
#शुभम कुमार जायसवालपरिचय: शुभम कुमार जायसवाल की जन्मतिथि-२ जून १९९९ और जन्मस्थान-अजमाबाद(भागलपुर, बिहार)है। आप फिलहाल राजनीति शास्त्र से स्नातक में अध्ययनरत हैं। उपलब्धि यही है कि,छोटी कक्षा से ही छोटी-छोटी कविताएं लिखना,विभिन्न समाचार पत्रों में कई कविताएँ प्रकाशित और दसवीं की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दो दैनिक पत्रों द्वारा सम्मानित किए गए हैं। रुचि से लिखने वाले शुभम कुमार को सामाजिक क्षेत्र में कार्य के लिए पटना में विधायक द्वारा सम्मानित किया गया है। इनकी कविताएँ कुछ समाचार-पत्र में प्रकाशित हुई हैं। लेखन का उद्देश्य-समाज का विकास,सबको जागरुक करना एवं आत्मिक शांति है।