माखन के चोर

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माखन के चोर ,
गोपियों की नैनो के मोर,
तूने कैसा खेल किया ,
दुनिया सारी तुम्हारे है ओर ,

मीरा तुम्हारी दीवानी ,
राधा तुम्हारी दीवानी ,
दुनिया तुम्हारे दीवाने ,
तेरे हाथों युग बना घनगोर,

कहीं जन्मा तू ,
कहीं पला तू ,
कहीं खेला तू ,
कहीं रहा तू ,

तेरे रूप अनेक ,
तेरे रंग अनेक ,
किसी के दिल में तू ,
किसी के सांसो में तू ,

तू दुनिया के पालन हारी,
तू दुनिया के सबके दुलारे ,
तू है तो दुनिया है ,
तू है तो हम है !

रूपेश कुमार
परिचय ~

रुपेश कुमार
पिता – श्री भीष्म प्रसाद
माता – बिंदा देवी
शिक्षा – स्नाकोतर भौतिकी,बी.एड(फिजिकल सांइस),ए.डी.सी.ए(कम्प्यूटर),इसाई धर्म(डिप्लोमा)
वर्तमान – प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !
प्रकाशित पुस्तक ~
दो पुस्तक “मेरी कलम रो रही हैं”, “मेरी अभिलाषा”(काव्य संग्रह)एवं आठ साझा संग्रह, एक अंग्रेजी मे !
विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं मे सैकड़ों से अधिक कविता,कहानी, गजल ,लेख प्रकाशित !
राष्ट्रीय साहित्यिक संस्थानों से दो सौ से अधिक सम्मान प्राप्त यथा –
“भारती ज्योति”(राष्ट्रीय राजभाषा पीठ, प्रयागराज),”साहित्य अभ्युदय सम्मान”(साहित्य संगम संस्थान, इंदौर),”फणीश्वरनाथ रेणू आंचलिक साहित्य सम्मान”(राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान, हरियाणा) “साहित्य साधक सम्मान”(ऑल इंडिया हिंदी उर्दू एकता ट्रस्ट(रजिं),गाज़ियाबाद),”जन-चेतना अक्षर सम्मान”(विश्व जन-चेतना ट्रस्ट भारत, बीसलपुर),”मातृत्व ममता सम्मान”(काव्यरंगोली साहित्यिक संस्था लखीमपुर, लखनऊ), “लीटरेरी कर्नल”(स्टोरी मिरर इंडिया, मुंबई) “केसरी सिंह बारहठ सम्मान-2019″(राजल वेल-फेयर एंड डवलपमेंट संस्थान, जोधपुर),”भारती भूषण”(राष्ट्रीय राज-भाषा पीठ, प्रयागराज),”काव्य सरस्वती”(अखिल भारतीय हिंदी साहित्य परिषद, कप्तानगंज),”साहित्य शिल्पी सम्मान”(साहित्य द्वार संस्था ,बस्ती),”सहयोग साहित्य सम्मान” (सोनल साहित्यिक समूह, बाड़मेर, राजस्थान),”श्रेष्ठ सृजन सम्मान”(राष्ट्रीय कवि चौपाल, राजस्थान),”बेस्ट हिंदी राईटर ऑफ़ ईयर-2020″ (राजल वेल-फेयर एंड डवलपमेंट संस्थान, जोधपुर)
“राष्ट्र गौरव कलम सम्मान”(अर्णव कलश एसोसिएशन, हरियाणा),”श्रीमती फुलवती देवी साहित्य सम्मान”(मीन साहित्य संस्कृति मंच, हरियाणा ),”साहित्य साधक सम्मान”(अखिल भारतीय साहित्यिकी मंच, सहरसा) “लीटरेरी कैप्टन”(स्टोरी मिरर इंडिया,मुंबई-2020), “लिटरेरी कर्नल-2020” (स्टोरी मिरर, मुंबई), “ब्रिटिश बुक ऑफ़ रिकोर्ड्स” से सम्मान, “पद्मश्री डॉक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर सम्मान”(संस्कार भारती, नोयडा) ! मे रचना शामिल विभिन्न प्रतियोगिताओं मे भारत सरकार द्वारा सम्मान प्राप्त इत्यादि!
शौक – वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखना , विज्ञान एवं साहित्य की किताबें पढ़ना, मोटीवेशन करना !
रूचि – साहित्य को विज्ञान की दृष्टिकोण से लिखना , सभी विषयों में परिपूर्ण बनना!
हमेशा दिखा-वे की दुनिया से दूर रहना !
राष्ट्रीय महासचिव- राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान (रजि)
सदस्य ~ भारतीय ज्ञानपीठ (आजीवन सदस्य)
पता – चैनपुर (बिहार)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।