बचपन खो गया

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naveen tiwari
बचपन की टोकरी,
          निश्चल प्रेम सोचती।
                दोपहर सारी मस्ती,
                     बचपन खो गया॥
उपवन भरे पुष्प,
        फल तोड़ खाए भूल।
             वानरों पे फेंक धूल,
                   बचपन खो गया॥
उछलकूद से बस्ती,
         हलाकान पर मस्ती।
              शोर गुल किए हस्ती,
                     बचपन खो गया॥
बालक-बालिका साथ,
        जाति धर्म कहाँ बात।
               खान-पान डरे रात,
                     बचपन खो गया॥
                                                                #नवीन कुमार तिवारी ‘अथर्व’ 
परिचय: नवीन कुमार तिवारी ‘अथर्व’ की जन्म तिथि ४ मार्च १९५९ है। शिक्षा  बी.काम. है। आप काव्य लेखन में मुक्तक,व्यंग्य लेखन आदि लिखते हैं। ब्लॉग पर भी सक्रिय हैं। छत्तीसगढ़ के जिले दुर्ग में नेहरु नगर( पूर्व भिलाई नगर)में आपका निवास है। 

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