तुम्हारी मोहब्बत के रंग

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rashmi abhay
कुछ ख़्वाब अधूरे,

पल रहे हैं पलकों में..

एक हल्की-सी छुअन तुम्हारी,

हाँ… जो तुम…

आंखों से छू जाते हो

भर देते हैं रंग कितने..

ज़िन्दगी के कैनवास पर।
जब भी बे-रंग-सी लगती है,

‘ये ज़िन्दगी’

उन रंगों से,जो तुमने मुझे दिए हैं

मैं फिर एक नया ख़्वाब

सजा लेती हूँ…

जी लेती हूं उन लम्हों को,

जो मेरी ज़िंदगी के सरमाया हैं..

जानती हूं…ता-उम्र

तुम्हारी मोहब्बत के रंग

यूँ हीं बिखरा करेंगे

मेरी बे-रंग ‘ज़िन्दगी’ में।।

                                                                                       #रश्मि अभय

परिचय : रश्मि अभय का पैतृक स्थान महाराजगंज(सीवान,बिहार) है।आपकी शिक्षा बीए,एलएलबी सहित बैचलर इन मास कम्युनिकेशन एंड जर्नलिज़्म है। संप्रति स्वतंत्र पत्रकार और लेखन की है। एक राजनीतिक पत्रिका की ब्यूरो चीफ हैं। समृद्धशाली उच्च मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मी ‘रश्मि’ को लिखने-पढ़ने का शौक बचपन से ही रहा,मगर इसे कार्यरूप में इन्होंने करीबन 10 साल पहले शुरू किया। प्रकाशित पुस्तकें-सूरज के छिपने तक,मेरी अनुभूति,उमाशंकर प्रसाद स्मृति ग्रंथ शब्द कलश'(साझा संग्रह,सहोदरी कथा सोपान (साझा संग्रह)एवं सौ कदम
(साझा संग्रह)आदि आपके लेखन के गवाह हैं। कुछ पुस्तकें भी आने वाली हैं। आप लेखन में ब्लॉग पर भी सक्रिय हैं और पटना(बिहार)में रहती हैं।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।