कुछ मुक्तक

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rohit dadhich
अब आँख बन्द करके,गद्दारों को हमने ही मारा है।
हर एक युद्ध में पाक ने,अपनी हारों को स्वीकारा है॥
शायद पाक फिर से,भूल गया है अपनी औकात को।
यह याद दिलाने को ही,वीरों ने आंतकियों को मारा है॥
जिस आंतक के बल से,पाक ने हमें ललकारा है।
उसकी औलादों को हमने,घर में घुसकर मारा है॥
आंतक के आकाओं तुम भी,कान खोलकर सुन लेना,
अबके पाक सीमा पर गूंजेगा,भारत माँ का नारा है॥
                                                                                         #रोहित दाधीच
परिचय: रोहित दाधीच की जन्मतिथि १८ मार्च १९९३ तथा जन्म स्थान- लुहावद (कोटा)है। आप राजस्थान राज्य के कोटा शहर में ही बसे हुए हैं। अभियांत्रिकी की शिक्षा हासिल की है और पेशे से सिविल इंजीनियर हैं। विधा के तौर पर वीर रस में लेखन करते हैं। सम्मान के रुप में ऐरावत अंलकरण ,काव्य भूषण तथा काव्य गौरव सम्मान
प्राप्त हुआ है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।