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पीना जिसने सीख लिया है,
उसने जग को जीत लिया है॥
नाला,नाली और सड़कों पर,
लुटना-पिटना शुरू किया है॥
छोडो़ भी ऐसी आदत को,
क्यों इज्जत का खून पिया है॥
घर की बरबादी का कारण,
जिसने इसको समझ लिया है॥
उस इंसा ने सारे जग पर,
सदा निडर हो राज किया है॥
निर्भय बनने के चक्कर में,
बीबी का अभिशाप पिया है॥
सोचो दारु को पीकर के,
कितने वर्षों बाप जिया है॥
छोड़ रहोगे बुरी आदतें,
यही सोच में ‘आस’ जिया है॥
#कौशल कुमार पाण्डेय ‘आस’
परिचय : कौशल कुमार पाण्डेय ‘आस’ की शिक्षा एमकाम,एमएड सहित साहित्याचार्य भी है। आप पीलीभीत(उ.प्र.) के बीसलपुर में रहते हैं। विधा की बात करें तो,गीत, मुक्तक,छंद,गजल लिखते हैं। कई सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक,साहित्यक एवं धार्मिक संस्थाओं में दायित्व पर हैं। आपके रचित कालसेन चालीसा व सप्तक प्रकाशित हुए हैं तो,कुछ पुस्तकों का सम्पादन भी किया है। साथ ही कवि सम्मेलन व क्षेत्रीय गोष्ठियों में सहभागिता भी करते हैं। कई विद्यालयों व संस्थाओं से सम्मान पत्र मिले हैं।
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Wed Aug 16 , 2017
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