परिचय : दीपेश पालीवाल वर्तमान में बी.ए. के विद्यार्थी हैं। उदयपुर (राजस्थान)की झाड़ोल तहसील के गोगला गांव के निवासी हैं। कविता लिखने के साथ ही मंच संचालन करते हैं।
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देखो दशा मेरे देश की,
तुम्हें मैं आज बताता हूं।
क्या गांव और क्या शहर है,
सबके हाल सुनाता हूं।
हो रहा प्रदूषण इनमें भारी,
देख रहे सब नर और नारी।
नदियों की हालत न पूछो,
मिले हैं केमिकल इनमें भारी।
कट रहे हैं आज जंगल सारे,
फिर क्यों कर रहे मंगल सारे।
बढ़ते इस प्रदूषण को रोको,
पेड़ लगाकर ताली ठोंको।
पेड़ लगाओ जीवन बचाओ,
पाठ पर्यावरण का सबको पढ़ाओ॥
#दीपेश पालीवाल
मातृभाषा में लेखन को प्रोत्साहन हेतु स्तुत्य प्रयास के लिये बधाई एवं शुभकामना