समिति ने अष्टछाप के कवि परमानन्द दास का स्मरण किया

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मन के आनंद की अवस्था ही परमानंद- श्री सत्तन

इंदौर। ‘अक्षरों की साधना ही निर्वाण का कारण है और मन की संतुष्टि देती है, उसी मन के आनंद की अवस्था ही परमानंद है। साहित्य यही परमानंद का कारण है। इसीलिए परमानंद दास का साहित्य कालजयी हो गया।’ यह बात श्री मध्यभारत साहित्य समिति के साप्ताहिक कार्यक्रम कालजयी साहित्यकार स्मरण में अष्टछाप के कवि परमानन्द दास का स्मरण करते हुए समिति के सभापति सत्यनारायण सत्तन ने कही।
आयोजन में प्रबंध मंत्री अरविंद ओझा का आतिथ्य रहा।
महाप्रभु वल्लभाचार्य के शिष्य परमानन्द दास को स्मरण करते हुए अभियंता श्यामसिंह व दिनेश दवे ने उनके पद सुनाए। डॉ. अखिलेश राव ने कहा कि ‘गुरुभक्ति और शिष्यवृत्ति के चमत्कार के कवि रहे परमानन्द दास।’ डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने कहा कि ‘वात्सल्य भाव के कवि परमानन्द कृष्ण को नवनीतप्रिया के रूप में देखकर उस महज़ सात वर्षीय कान्हा से रीझ कर दीक्षित हुए कवि संगीत निष्नाद थे। उन्होंने अपने बालपदों में वात्सल्य रस में कृष्ण का बखान किया।’


किशोर यादव ने कवि परमानन्द के जीवन पर आधारित कविता सुनाई। साथ ही, डॉ. आरती दुबे आदि ने संबोधित किया।
कार्यक्रम संचालन साहित्य मंत्री डॉ. पद्मा सिंह ने किया व आभार परीक्षा मंत्री उमेश पारिख ने माना।
इस मौके पर नितेन्द्र मानव, ज्योति यादव आदि मौजूद रहे।

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।