मतदान, अधिकार ही नहीं ज़िम्मेदारी भी

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दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में चुनाव का महापर्व चल रहा है। वर्तमान 17वीं लोकसभा का कार्यकाल 16 जून, 2024 को समाप्त हो रहा है। लोकसभा के 543 सदस्यों को चुनने के लिए भारत में 19 अप्रैल से 1 जून 2024 तक आम चुनाव 7 चरणों में सम्पन्न कराए जा रहे हैं। अब तक पाँच चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं, अब सिर्फ़ 25 मई को छठे चरण और 1 जून को सातवें चरण का मतदान होना बाकी है। चुनाव आयोग के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के पहले चार चरणों में औसत मतदान 66.95% रहा, पांचवें चरण के आंकड़े आने अभी बाकी हैं। अगर 2019 के चुनाव के सभी 7 चरणों की बात करें, तो औसत मतदान 67.4% रहा था। इस बार का चुनाव इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा चुनाव है जो 44 दिनों तक चलेगा। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार के दिशानिर्देश में चुनाव परिणाम की घोषणा 4 जून को होगी। इस प्रकार 4 जून वह ऐतिहासिक दिन है, जब देश की सरकार चुनी जाएगी।

भारत की वर्तमान जनसंख्या का करीब 70% मतदाता के रूप में पंजीकृत है, 140 करोड़ की आबादी में से यह संख्या लगभग 97 करोड़ है। इसमें भी 1.8 करोड़ मतदाता पहली बार अपने मत का प्रयोग करेंगे। देश में इस समय 20-29 आयु वर्ग के 19.47 करोड़ मतदाता हैं। इस बार के चुनाव में यह युवा अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं। इस तरह यह चुनाव देश के नागरिकों के लिए अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से देश की शासन व्यवस्था में भागीदारी करने का एक माध्यम है। चुनाव सिर्फ़ एक राजनीतिक घटना ही नहीं, बल्कि यह हमारी सामूहिक एकता का उत्सव और संविधान में वर्णित लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना का प्रतीक भी है। मतदाताओं की यह आश्चर्यजनक संख्या देश के भविष्य को आकार देने की क्षमता रखती है। हमारा वोट हमारे राष्ट्र की दिशा निर्धारित करने का एक उपयुक्त माध्यम है। प्रत्येक वोट का मूल्य समान है, इस प्रकार यह मौलिक अधिकारों की अवधारणा को भी मूर्त रूप देने का काम करता है।

लोकसभा चुनाव 2024 में राजधानी दिल्ली की अहम भूमिका है। दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों के दांव पर लगे होने के कारण राजधानी में बहुमत हासिल करना ज़रूरी हो जाता है, जो अक्सर केंद्र सरकार के गठन में महत्त्वपूर्ण साबित होता है। 25 मई 2024 को छठे चरण में होने वाले दिल्ली के आम चुनाव में एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और आई.एन.डी.आई.ए. (भारतीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक और स्वतंत्र गठबंधन) गठबंधन के बीच मुकाबला दिलचस्प होगा। लोकसभा क्षेत्र चांदनी चौक से जेपी अग्रवाल (कांग्रेस) और प्रवीण खंडेलवाल (एनडीए) प्रमुख उम्मीदवार हैं। इसी तरह नई दिल्ली से सोमनाथ भारती (आप) और बांसुरी स्वराज (एनडीए) अपनी उम्मीदवारी प्रस्तुत कर रहे हैं। पूर्वी दिल्ली से कुलदीप कुमार (आप) और हर्ष मल्होत्रा (एनडीए) के बीच मुकाबला है जबकि उत्तर पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी (एनडीए) और कन्हैया कुमार (कांग्रेस) लड़ रहे हैं। लोकसभा क्षेत्र उत्तर पश्चिमी दिल्ली के प्रमुख उम्मीदवार योगेंद्र चंदोलिया (एनडीए) और उदित राज (कांग्रेस) हैं। इसी तरह पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से कमलजीत सहरावत (एनडीए) और महाबल मिश्रा (आप) प्रतिभा कर रहे हैं। दक्षिणी दिल्ली में रामवीर सिंह बिधूड़ी (एनडीए) और सहीराम पहलवान (आप) अपना दमखम दिखाएँगे।

दिल्ली के मतदाताओं इस चुनाव में आपकी भागीदारी महत्त्वपूर्ण है। हर वोट मायने रखता है। अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग करें और देश के भविष्य को आकार देने में अपनी भूमिका निभाएँ। 25 मई को मतदान केंद्रों पर जाएँ और अपनी आवाज़ बुलंद करें। चुनाव केवल राजनीतिक दलों के बारे में नहीं होते, वे हम नागरिकों का भविष्य तय करते हैं। यह कोई छुट्टी मनाने का दिन नहीं है, यह देश की नीतियों को आकार देने, नेताओं को जवाबदेह बनाने और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने का मौका है। इस बार जब आप मतदान केंद्र में कदम रखें, तो याद रखें कि आपका वोट काग़ज़ पर एक निशान से कहीं ज़्यादा है। यह आशा की किरण है, प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता है और हमारे लोकतंत्र की ताक़त का प्रमाण है।
याद रखें, आपका वोट सिर्फ़ अधिकार नहीं बल्कि ज़िम्मेदारी भी है। अपने वोट की ताक़त को पहचानें। आइए, मिलकर अपने लोकतंत्र को मज़बूत करें।

#भावना शर्मा, दिल्ली
लेखिका

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