कथा रंग द्वारा आयोजित गाज़ियाबाद लिटरेरी फ़ेस्टिवल में सम्मानित किए जाएंगे देश भर के कहानीकार

1 0
Read Time4 Minute, 42 Second

बिस्मिल्लाह, मैत्रेई पुष्पा, राहुल देव, प्रियदर्शन, हरियश राय, आलोक पुराणिक, रेनु राकेश व पंकज प्रसून सहित कई वरिष्ठ लेखक जुटेंगे एक मंच पर

कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज में होगा कथा रंग कहानी महोत्सव एवं अलंकरण समारोह

गाज़ियाबाद। महानगर में पहला लिटरेरी फ़ेस्टिवल कथा रंग द्वारा रविवार को कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज, मोहन नगर में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक ललित जायसवाल एवं आयोजक आलोक यात्री ने एक संयुक्त बयान में बताया कि कार्यक्रम पांच सत्रों में आयोजित किया जा रहा है। प्रथम सत्र में ‘कहानी का वर्तमान’ विषय पर विमर्श में वरिष्ठ लेखक अब्दुल बिस्मिल्लाह के अलावा वरिष्ठ लेखक प्रियदर्शन, आलोचक व लेखक हरियश राय के अलावा चर्चित रचनाकार रेनु हुसैन भाग ले रही हैं। दूसरा सत्र ’लेखक से मिलिए’ है, जिसमें मशहूर व्यंग्यकार आलोक पुराणिक व अभिनेता मनु कौशल की रोचक प्रस्तुति होगी। इसके अलावा मशहूर रंगकर्मी जे. पी. सिंह की नाट्य प्रस्तुति ‘छोड़ो कल की बातें’ भी आयोजन का हिस्सा है।
वरिष्ठ साहित्यकार सुभाष चंदर ने बताया कि गाज़ियाबाद में आयोजित प्रथम लिटरेरी फ़ेस्टिवल में शामिल होने वाले अन्य चर्चित साहित्यिकारों में मैत्रेई पुष्पा, राहुल देव, सूर्यनाथ सिंह, पंकज शर्मा, पंकज प्रसून, यतेंद्र यादव, महेश मीणा, आनंद सुमन सिंह, अशोक मैत्रेय आदि शामिल हैं।
कथा रंग के अध्यक्ष शिवराज सिंह ने बताया कि शोभनाथ शुक्ल की कहानी ‘शनिचरी, सायरा बानो और सुजातो क्रिस्टी’ को 11 हज़ार रुपए की राशि सहित “कथा रंग शिखर सम्मान” प्रदान किया जाएगा। उन्होंने ने कहा कि वंदना जोशी की ‘नगर ढिंढोरा’ और आशा पांडे की ‘हारा हुआ राजा’ को द्वितीय पुरस्कार स्वरूप 51-51सौ रुपए की राशि, अखिलेश श्रीवास्तव ‘चमन’ की ‘संशय की एक रात’, सिनीवाली की ‘रहो कंत होशियार’, रजनी शर्मा बस्तरिया की ‘छतरी वाले अक्षर’, देवांशु पाल की ‘लोक बाबू ज़िन्दा हैं’ व निधि अग्रवाल की कहानी ‘शोक पर्व’ को तृतीय पुरस्कार स्वरूप 21-21 सौ रुपए प्रदान किए जाएंगे। इसके अलावा 15 कहानियों का चयन ‘सर्जना पुरस्कार’ के लिए किया गया है, जिसमें आशीष दशोत्तर की ‘चे, पो और टिहिया’, निर्देश निधि की ‘मैं ही आई हूं बाबा’, अजय गोयल की ‘गिनी पिग’, रुख्शंदा रूही मेहंदी की ‘तेरी खामोशी है अभी’, संध्या यादव की ‘प्रारब्ध’, महावीर उत्तरांचली की ‘मां’, अंजू शर्मा की ‘उसके हिस्से का आसमान’, संजय सिसोदिया की ‘दादी मां और ड्राई फ्रूट्स’, उर्मिला शुक्ला की ‘साल वनों के साए’, चंद्रकांता की ‘जनाना’, सुभाष अखिल की ‘माफ़ीनामा’, अमिता दुबे की ‘शिला’, नीलम राकेश की ‘ग्रहण’, मलय जैन की ‘शालिग्राम की नत बहू’ और रिंकल शर्मा की ‘पीछे मुड़ना’ कहानियां कहानी शामिल हैं। कार्यक्रम के सह संयोजक अद्विक प्रकाशन के स्वामी अशोक गुप्ता ने बताया कि कार्यक्रम में कई वरिष्ठ साहित्यकारों की पुस्तकों का लोकार्पण भी किया जाएगा। इसके अलावा कई रचनाकारों को ‘कथा रंग सारथी सम्मान’ भी प्रदान किया जाएगा।

matruadmin

Next Post

मातृ दिवस विशेष- माँ

Tue May 23 , 2023
माँ! क्या लिखूँ तुम पर माँ? स्वयं तुम काव्य हो छंदों भरी, कहानी हो व्यथा भरी, संस्मरण हो अपनों के सपनों की। कैसे तुम्हें बांटू मैं? तुमने जिया मुझमें अपना बचपन, जो तुम बाबुल की देहरी पर कमसिन उम्र का छोड़ आई। तुमने सपने संजोकर अपने पूर्ण किये मुझमें, जो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।