मातृभाषा द्वारा मातृ दिवस पर आयोजित कविता प्रतियोगिता में डॉ. छगनलाल गर्ग विजेता

1 0
Read Time1 Minute, 57 Second

इंदौर। मातृ दिवस के उपलक्ष्य में मातृभाषा डॉट कॉम द्वारा कविता लेखन प्रतियोगिता में सिरोही राजस्थान के साहित्यकार डॉ. छगनलाल गर्ग ‘विज्ञ’ विजेता रहे।

मातृभाषा डॉट कॉम के सम्पादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने बताया कि ‘उक्त प्रतियोगिता डिजिटल स्वरूप में आयोजित की गई थी, कई रचनाकारों ने कविताएँ भेजी थीं, जिसमें से डॉ. गर्ग की कविता को चयन मण्डल ने चयनित किया। डॉ. गर्ग को उपहार व डिजीटल प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।’

प्रतियोगिता में अर्चना अनुप्रिया, दिल्ली, माधुरी सोनी ’मधुकुंज’, अलीराजपुर, मुकेश बिस्सा ’विवान’, जैसलमेर, चंद्रमणि ’मणिका’, दिल्ली, अनिता दीपक शर्मा, इंदौर, सीता गुप्ता, दुर्ग, यशोधरा भटनागर, देवास, ऋचा दिनेश तिवारी, देवास, रश्मिता शर्मा, इंदौर, संध्या पाण्डेय, अलीराजपुर, प्रेम मंगल, इंदौर, मणिमाला शर्मा, इंदौर, साधना छिरोल्या, दमोह, डॉ. हंसा सिद्धपुरा, जामनगर, डॉ. नीना छिब्बर, जोधपुर, आरती सोलंकी, अलीराजपुर, डॉ. योगिता सिंह ‘हंसा’, कानपुर व उर्मिला मेहता, इंदौर ने भी सहभागिता करके सराहनीय प्रयास किया।

सह-संपादक शिखा जैन, भावना शर्मा सहित मातृभाषा उन्नयन संस्थान के पदाधिकारियों ने विजेता डॉ. छगनलाल गर्ग व सभी प्रतिभागियों को शुभकामनाएँ दीं।

matruadmin

Next Post

परिचर्चा- राष्ट्र के नवनिर्माण में साहित्य और साहित्यकारों की भूमिका

Thu May 18 , 2023
परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ किसी भी समाज, नगर या राष्ट्र के निर्माण की आधारशीला में जिन तत्त्वों की गणना अग्रणीय है, उनमें से साहित्य वरीय है। बौद्धिक आधार ही समाज के, समकाल के आचरण, सभ्यता और रमणीयता का कारण है। आज भारत अपने नवनिर्माण की ओर अग्रसर है, […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।