मातृभाषा डॉट कॉम पर कविता प्रतियोगिता आयोजित

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यदि आप कविता लिखते हैं तो मातृभाषा डॉट कॉम लाया है आपके लिए कविता लेखन प्रतियोगिता।
विशेष कविता प्रतियोगिता का आयोजन हो रहा है, जिसमें आप जलियांवाला बाग या उससे जुड़े विषय पर अपनी कविता लिखकर भेज सकते हैं, जिसका प्रकाशन मातृभाषा डॉट कॉम पर होगा।

जलियांवाला बाग नरसंहार को इतिहास का सबसे बड़े गोलीकांड माना जाता है, जो ब्रिटिश शासन की क्रूरता की गवाही देता है। कहा जाता है कि करीब 104 साल पहले 1919 में 13 अप्रैल को हुए इस हत्याकांड 1,650 राउंड फ़ायरिंग हुई, जिसमें 379 लोगों की मौत हुई। वैसे ये तो ब्रिटिश सरकार का सरकारी आंकड़ा है, लेकिन कई लोगों को मानना है कि इसमें 1000 से ज़्यादा लोगों को जान गई थीं।

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प्रतियोगिता के नियम:-
प्रतियोगिता में केवल मातृभाषा उन्नयन संस्थान के वार्षिक / आजीवन या राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य ही भाग ले सकते हैं।

  1. आपकी रचना देवनागरी लिपि में टंकित होनी चाहिए। यह प्रतियोगिता पूर्णतः निःशुल्क है।
  2. सभी प्रकार की पद्य सकारात्मक रचनायें मान्य हैं।
    विषय- जलियांवाला बाग या उससे जुड़े विषय
  3. रचना में किसी भी प्रकार के अश्लील, असामाजिक व राष्ट्र विरोधी शब्द नहीं होने चाहिए और न ही इससे सन्दर्भित कोई रचना मान्य है।
  4. एक रचनाकार केवल एक ही रचना भेज सकता है।
  5. संस्थान के सम्पादक मण्डल व चयन समिति द्वारा सर्वश्रेष्ठ रचना का चयन किया जाएगा एवं विजेता का नाम 13 अप्रैल को घोषित कर उन्हें उपहार व डिजीटल प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
  6. चयन पैनल का निर्णय सर्वमान्य होगा।
  7. रचना के नीचे रचनाकार की सामान्य जानकारी, जैसे- नाम, पता, सम्पर्क सूत्र, ई-मेल आदि अवश्य लिखी होनी चाहिए एवं एक पासपोर्ट फ़ोटो ज़रूर संलग्न करें।
  8. प्रतियोगिता में शामिल होने व रचना भेजने की अंतिम तिथि 10 अप्रैल 2023 है, इसके बाद किसी भी रचनाकार की रचना स्वीकार नहीं की जाएगी।
  9. रचना, परिचय व फ़ोटो matrubhashaa@gmail.com पर ईमेल करना है या +919406653005 पर वॉट्सएप भी कर सकते हैं ।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।