डॉ. बेचैन को मातृभाषा ने अर्पित की शब्द श्रद्धांजलि

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इन्दौर।

कोरोना की दूसरी लहर ने हमसे दूर किये वाचिक परम्परा के हस्ताक्षरिय कवि डॉ. कुँअर बेचैन जी को मातृभाषा उन्नयन संस्थान ने कलम कैफ़े में श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसमें कवि शम्भू सिंह मनहर, कवि अतुल ज्वाला एवं संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’, कवि गौरव साक्षी, हिमांशु भावसार ‘हिन्द’, ऋषभ जैन, गोविंद दांगी, लव यादव, कुणाल शर्मा मौजूद रहे।

इस अवसर पर संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ने कहा कि ‘डॉ. कुँअर बेचैन जी वाचिक परम्परा के संत रहे हैं। उनकी स्मृतियों का गुलदस्ता सदैव हमारे साथ रहेगा।’

डॉ. बेचैन जी को याद करते हुए वरिष्ठ कवि शम्भू सिंह मनहर ने कहा कि ‘संसार में कुँअर दादा जैसे लोग विरले ही जन्म लेते हैं, उनका चला जाना एक शून्य निर्मित कर गया।’

कवि अतुल ज्वाला ने कहा कि ‘काव्य कुल ही नहीं बल्कि हिन्दी के आकाश का नक्षत्र हमसे विदा हो गया। हम अब तक विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि दादा अब हमारे से शरीर से दूर हैं।’

बता दें कि अप्रैल माह में कोरोना की लहर ने काव्य कुल के शिखर कलश डॉ. कुँअर बेचैन जी को असमय ही छीन लिया था। उनकी स्मृति को अक्षुण्ण रखने के लिए संस्थान के माध्यम से डॉ बेचैन पर डाक टिकट भी जारी करवाया है।
श्रद्धांजलि सभा में डिजिटल रूप से जुड़े मातृभाषाया उन्नयन संस्थान के पदाधिकारियों में डॉ. नीना जोशी, गणतंत्र ओजस्वी, शिखा जैन, भावना शर्मा, नितेश गुप्ता, सपन जैन काकड़ीवाला, जलज व्यास आदि ने श्रद्धांजलि अर्पित कर डॉ. बेचैन को याद किया।

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।