कभी न कभी तो वो सुबह आयेगी

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कभी न कभी तो वो सुबह आयेगी
पनहारिन जब पनघट पर जायेगी
पानी भरकर घड़े सिर पर लायेगी,
गीत सहेलियों के संग वह गायेगी।

खुल जाएंगे, बन्द मंदिर मस्जिद
घंटे अजान की आवाजे आयेगी,
लग जाएंगे लंगर सब गुरुद्वारों मे,
जनता लंगर छक कर खायेगी।।

खुल जाएंगे सब स्कूल कॉलेज,
बिटिया बस्ता लेकर जाएगी
मौज मस्ती सहेलियों संग करेगी
चेहरो पर उनके रंगत आयेगी।।

बन्द पड़ें जो बुजुर्ग अपने घरों में
बाहर निकल कर कभी तो आयेंगे
करेंगे जब अपनी वे पुरानी बातें,
चेहरो पर उनके चमक आयेगी
कभी न कभी तो वो सुबह आयेगी

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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Fri May 14 , 2021
काल है सबसे बड़ा इससे बड़ा न कोय जो काल करना चाहे वही घटित हो जाये मुठ्ठी से रेत की तरह काल फिसलता जाये फिर भी हर कोई काल मे समा जाये कालो का काल ही तो सारे जगत का नियन्ता है जिसे कहते महाकाल वही जगत अभियन्ता है।#श्रीगोपाल नारसन […]

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।