डॉ. नरेश सिहाग को साहित्य मंथन कलमयोद्धा 2021 सम्मान से सम्मानित होंगे

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अखिल भारतीय साहित्य मंथन शोध संस्थान एवं के.बी.एस. प्रकाशन दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 17 अप्रैल 2021 को कोलकाता, पश्चिमी बंगाल में आयोजित सम्मान समारोह में भिवानी के युवा एडवोकेट डॉ. नरेश सिहाग को साहित्य, शिक्षा, पत्रकारिता एवं शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए साहित्य मंथन कलमयोद्धा सम्मान 2021 से सम्मानित किया जायेगा। डॉ. नरेश सिहाग एडवोकेट पिछले 20 वर्ष से शांतिधर्मी मासिक के सह सम्पादक व बोहल शोध मंजूषा अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका के सम्पादक हैं। इनके सम्पादन में जर्नल के नारी विशेषांक, हिन्दी विशेषांक एवं किन्नर विशेषांक प्रकाशित हो चुके हैं जिनकी साहित्य जगत में विशेष चर्चा रही है। आगामी माह में जर्नल का महाभारत विशेषांक प्रकाशित होने जा रहा है। पत्रकारिता के क्षेत्र में यह प्रथम विशेषांक होगा। आज से पूर्व महाभारत पर शायद ही किसी पत्रिका द्वारा इस महाग्रंथ पर कोई विशेषांक प्रकाशित हुआ हो। ये एक दर्जन से भी अधिक पुस्तकों के लेखक एवं सम्पादन कर चुके हैं। देश-विदेश की अनेक संस्थाओं द्वारा आपके व्यक्तित्व और कृतित्व को सम्मानित किया जा चुका है। टांटिया विश्वविद्यालय श्रीगंगानगर राजस्थान में बतौर विभागाध्यक्ष एवं शोध निर्देशक के पद पर कार्यरत हैं। आपके सानिध्य में 4 बच्चे पीएचडी का शोध कार्य कर रहे हैं। आपकी सफलता के लिए डॉ. राजेन्द्र गोदारा, डॉ. विनोद शर्मा, डॉ. सुरजीत कस्वां, डॉ. रेखा सोनी, डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. रीतूबाला, प्रो. नरेन्द्र सोनी, प्रो. रोहतास ने आपको इस उपलब्धि के लिए अग्रिम बधाई दी हैं।

  • मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।