हिन्दी का बेटा हूँ

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मैं हिन्दी का बेटा हूँ
हिन्दी के लिए जीत हूँ।
हिन्दी में ही लिखता हूँ
हिन्दी को ही पड़ता हूँ।
मेरी हर एक सांस पर
हिन्दी का ही साया है।
इसलिए मैं हिन्दी पर
जीवन को समर्पित करता हूँ।।

करें हिन्दी से सही में प्यार
भला कैसे करे हिन्दी लिखने
पड़ने और बोलने से इंकार।
क्योंकि हिन्दी बस्ती है
हिंदुस्तानीयों की धड़कनों में।
इसलिए तो प्रेमगीत भक्तिगीत
हिन्दी में लिखे जाते।
जो हर भारतीवयों का
गौरव बहुत बड़ते है।।

करो हिन्दी का प्रचार प्रसार
तभी तो राष्ट्रभाषा बन पायेगी।
और हिन्दी भारतीयों के
दिलो में बस पायेगी।
चलो आज लेते है
हम सब एक शपथ।
की करेंगे सारा कामकाज
आज से सदा हिन्दी में।
तभी मातृभाषा का कर्ज उतार पाएंगे
और सच्चे भारतीय कहलाएंगे।।

विश्व हिंदी दिवस पर सभी पाठकों को बहुत बहुत बधाई और शुभ कामनाएं।

जय जिनेंद्र देव
संजय जैन (मुंबई)

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।