विश्व ऊर्जा संरक्षण दिवस

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सुनो भैया सुनो बहना,
करूँ विनती मैं बस इतनी।
बचा लो ऊर्जा मिलकर,
करूँ अरज मैं बस इतनी।

बिना ऊर्जा जरा सोचो,
क्या होगा हाल हम सबका?
होगा जीना बड़ा मुश्किल,
बुरा होगा कल हम सबका।

आज जगमग है ये दुनियाँ,
ना जाने कल क्या होगा?
ना होगी यदि ऊर्जा जग में,
तो कैसे रोशन जहाँ होगा?

बिना पेट्रोल डीजल के,
चलेंगी गाड़ियाँ कैसे?
सफ़र होगा बड़ा दुष्कर,
चलेंगे पैदल हम कैसे?

ना हो बिजली यदि सोचो,
अंधेरा हर तरफ़ होगा।
चलेगी टी वी फिर कैसे?
चार्ज मोबाइल कैसे होगा?

रसोई गैस बिन बोलो,
बनेगा खाना फिर कैसे?
पड़ेगा फूंकना चूल्हा,
फूंकते थे पूर्वज जैसे।

बड़ा नीरस होगा जीवन,
ना जीने का मजा होगा।
बचा लो ऊर्जा मिलकर,
बड़ा सुंदर फिर कल होगा।

जरूरत न हो जब जिसकी,
उसे बेवजह ना खर्च करना।
बस थोड़ी सी सावधानी ,
मिलकर सब बरत लेना।

ए सी, गीजर और ब्लोअर,
प्रयोग थोड़ा सा कम करना।
बेवजह जलती लाइट के,
स्विच जरा ऑफ तुम करना।

भविष्य अपने बच्चों का,
बिगाड़ो मत मेरे भाई।
बचाई ना जो हमने ऊर्जा,
है शामत फिर सबकी आई।

समय रहते सम्भल जाओ,
वरना बहुत पछताओगे।
हाल होंगे बेहाल सबके,
कुछ भी कर ना पाओगे।

स्वरचित
सपना (स. अ.)
जनपद – औरैया

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।