कोरोना से खुद को बचाते हुए कैसे बढ़ना है आगे?

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जिस प्रकार जिव्हा दांतों में खुद को बचाते हुए अपना सम्पूर्ण कार्य कुशलतापूर्वक करती है। उसी प्रकार हमें अपने-आप को चारों दिशाओं से कोरोना के चक्रव्यूह को भेदते हुए जीवनयापन करना होगा। तभी हम स्वयं को बचाने में सफल होंगे।      कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा जो भी प्रयास किए गए वह अत्यंत सराहनीय थे। जिनके दूरगामी सकारात्मक परिणाम विश्व विश्लेषण एवं मूल्यांकन में स्पष्ट होंगे।      कोरोनाकाल में एक अत्यंत महत्वपूर्ण सरकारी कर्मियों की उल्लेखनीय क्रिया यह सामने आई है कि जो कार्य वर्षों में नहीं होते थे वह एक दिन में होने लगे हैं। जो कार्य कार्यालयों के चक्कर पर चक्कर लगाने पर भी घनचक्कर कर्मी नहीं करते थे। वे कार्य मोदी जी को पत्र लिखने मात्र से सम्पूर्ण हो रहे हैं।      कटु सत्य यह भी वर्णनीय है कि राजनैतिक मंत्रिमंडल तो परिवर्तित होते थे किन्तु सरकार के कार्यों में टस से मस का अंतर भी नहीं आता था। जो अंतर कोरोनाकाल में आ रहा है। जैसे कि अच्छे और बुरे अधिकारियों/कर्मचारियों की पहचान हो रही है। जिसके फलस्वरूप उन्हें दण्ड और प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है। जिसका श्रेय निःसंदेह मोदी सरकार के कोरोना मंत्रीमंडल को जाता है। जिससे प्रशासन चुस्त और दुरुस्त होने के साथ-साथ जवाबदेह हो रहा है। जो राष्ट्र के स्वाभिमान एवं विकास सहित विश्व में आगे बढ़ने के शुभ संकेत हैं।

#इंदु भूषण बाली

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।