लाॅकडाउन की पाबंदियां हटाना समय की मांग या जरूरत?

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 आवश्यकता आविष्कार की जननी है। यह कहावत युगों-युगों से प्रचलित है। जो लाॅकडाउन की पाबंदियां हटाने पर पूरी तरह स्टीक बैठ रही है।
 लाॅकडाउन आवश्यक था। क्योंकि कोरोना विषाणु के फैलाव को रोकने का एक मात्र उपाय यही था। जिसे लगाकर सरकार ने एक सीमा तक लक्ष्य की पूर्ति भी की है। किन्तु सम्पूर्ण सफलता प्राप्त करने में सफल नहीं हुई।

‌ अब समय की मांग कहें या जरूरत, परंतु लाॅकडाउन की पाबंदियां हटाना अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का एक मात्र उपाय है। इसके साथ-साथ कोरोना विषाणु से सावधानीपूर्वक युद्ध कर उसे मात देने का संघर्ष भी जारी रखा जाना अनिवार्य है।
अन्यथा स्पष्ट है कि कोरोना विषाणु से मरने से पहले हम भूखे मर जाएंगे। इसलिए काम-धंधे आरंभ करना समय की मांग और जरूरत भी है।
इसके अलावा एक महत्वपूर्ण बात सामने‌ यह आई है कि रोगियों के स्वस्थ होने की संख्या अधिक और मृत्युदर कम हुई है। जो सकारत्मक दृष्टिकोण से देखें तो कोरोना विषाणु को मात देने वाले भारतीय अद्वितीय योद्धा हैं। जिसे सौभाग्यशाली मानना हमारा अधिकार और कर्त्तव्य है।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।