
उत्तर प्रदेश के बहुप्रतिष्ठित युवाकवि सुनील चौरसिया ‘सावन’ को असम में ‘हिंददेश साहित्य सम्मान’ से नवाज़ा गया है। ‘हिंददेश’ एक विशाल साहित्यिक परिवार है जिसमें भारतवर्ष के नवोदित एवं वरिष्ठ लगभग 250 कवियों की कविताओं की सरिता अनवरत प्रवाहित होती रहती है। इस कोरोना – काल में हिंददेश परिवार ने ‘राष्ट्रीय ऑनलाइन कवि सम्मेलन’ का आयोजन किया जिसमें कवि सुनील चौरसिया ‘सावन’ को मुख्य अतिथि एवं न्यायाधीश जैसे पदों पर सेवा प्रदान करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। छत्तीसगढ़ की कवयित्री प्रेक्षा डॉन गोधा ‘परी’ ने अद्भुत पटल-संचालन किया । अर्चना पांडेय ‘अर्चि’ की अध्यक्षता में कवि विनय कुमार (असम), बजरंग केजड़ीवाल, खेम सिंह चौहान ‘स्वर्ण’ (राजस्थान), डा. सुभाष चंद्रा (कानपुर), उमाकांत तिवारी ‘प्रचंड’ , अवधेश कुमार वर्मा , पद्मा साहू (छत्तीसगढ़ ) , सरला कुमारी (हरियाणा ) , गरिमा (लखनऊ), प्रिंस और संजय ओझा , दीपक अनन्त(केरल), पुष्पा बुकलसरिया (डिब्रूगढ़), शहाना प्रवीण (पंजाब ) , प्रतिभा द्विवेदी ‘मुस्कान’ (मध्य प्रदेश), संतोष पड़पावार (महाराष्ट्र), हिमांशु भट्ट (राजस्थान ) एवं पुष्पा तिवारी (दिल्ली) जैसे देशभर के कवियों ने अपनी- अपनी कविताएं पढ़कर ‘हिंददेश पटल’ पर सरस साहित्य – सुमन की मनभावन खुशबू बिखेरी।
न्यायाधीश - कवि सुनील चौरसिया 'सावन' ने भी हिंदी और भोजपुरी में कविताएं सुनायीं-
“जिंदगी का सफर ए सुहाना लगे
जीवन जीने का अच्छा बहाना लगे
सब अपने यहां ना पराया कोई
जिंदगी के सफर में साथ आया कोई
कण-कण में खुशी का खजाना लगे
जिंदगी का सफर ए सुहाना लगे”
केंद्रीय विद्यालय टेंगा वैली अरुणाचल प्रदेश में स्नातकोत्तर शिक्षक (हिंदी) एवं एनसीसी अधिकारी (सीटीओ.)पद पर सेवा प्रदान कर रहे कवि ‘सावन’ को राजस्थान ने भी ‘मधुशाला काव्य गौरव’ सम्मान से सम्मानित कर चुका है।
5 अगस्त 1993 को ग्राम- अमवा बाजार पोस्ट- रामकोला जिला- कुशीनगर, उत्तर प्रदेश में जन्मे कवि ‘सावन’ की कविताओं में जन- मन की आवाज होती है और यथार्थ तथा आदर्श का सुगम संगम होता है।
देश विदेश में कवि 'सावन' की सैकड़ों रचनाएं प्रकाशित हो चुकी हैं। आपने बताया कि बहुत जल्दी एक काव्य-संग्रह प्रकाशित होने वाला है जिसमें आपकी लोकप्रिय कविताओं के साथ श्रीमद्भगवतगीता के द्वितीय अध्याय 'सांख्य योग' का हिंदी भावानुवाद भी संकलित है। कोरोना विषाणु जैसी वैश्विक महामारी में आप समय का सदुपयोग करते हुए एक रोचक उपन्यास लिख रहे हैं जिसका नायक कोरोना है और खलनायक भी कोरोना ही है। उपन्यास को पढ़कर आप समझ जाएंगे कि कोरोना विषाणु एक साथ दो-दो भूमिकाएं किस तरह निभा रहा है।
अभी हाल ही में आपकी ‘कोरोना और करुणा’ नामक मर्मस्पर्शी कहानी पिट्सबर्ग अमेरिका में और ‘हाय रे कुमुदिनी’ नामक मनोहरी कविता अमेरिका और आस्ट्रेलिया में प्रकाशित हुई थी।
देश-विदेश में प्रदेश का नाम रोशन कर रहे कवि ‘सावन’ को ‘हिन्ददेश साहित्य सम्मान’ मिलने पर घर परिवार और शुभचिंतक साथियों में खुशी की लहर है।