पाल रक्खे है काले नाग अपने आस्तीनों में

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पाल रक्खे है काले नाग,अपनी आस्तीनों में |,
बेचते है जहर इनका ये अपनी दुकानों में ||

पिलाते है दूध इनको वो इस तरह |
जैसे कोई मय पिलाते है मयखाने में ||

बुलाये है कुछ सपेरे,कुछ विदेशो से भी |
जो छिपे पड़े है अभी उनके तहखानो में ||

निकाला है बड़ी मुश्किल से उनको हमने |
एडमिट कराया है उनको देश के सफाखानो में ||

हो जाये अगर ठीक वो कुछ वक्त में |
डालना है उनको देश के जेलखानो में ||

कहता है राम की क्या सलूक किया जाये |
भेज दिया जाये उनके पुराने दौलतखाने में ||

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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Sat Apr 25 , 2020
मंदिर मस्जिद और, गुरुद्वारा में गये। श्रध्दा से सिर को, झुकाया वहां पर। और कि प्रार्थना, समाने उनके बैठकर। हे प्रभु सुन लो, अरज मेरी तुम। और दे दो वरदान, अमन चैन से रहने का। ताकि खुश रह सके, अब देशवासी जन।। कितनी बेचैनी मची है, लोगो के परिवार में। […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।