पाल रक्खे है काले नाग अपने आस्तीनों में

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पाल रक्खे है काले नाग,अपनी आस्तीनों में |,
बेचते है जहर इनका ये अपनी दुकानों में ||

पिलाते है दूध इनको वो इस तरह |
जैसे कोई मय पिलाते है मयखाने में ||

बुलाये है कुछ सपेरे,कुछ विदेशो से भी |
जो छिपे पड़े है अभी उनके तहखानो में ||

निकाला है बड़ी मुश्किल से उनको हमने |
एडमिट कराया है उनको देश के सफाखानो में ||

हो जाये अगर ठीक वो कुछ वक्त में |
डालना है उनको देश के जेलखानो में ||

कहता है राम की क्या सलूक किया जाये |
भेज दिया जाये उनके पुराने दौलतखाने में ||

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

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मंदिर मस्जिद और, गुरुद्वारा में गये। श्रध्दा से सिर को, झुकाया वहां पर। और कि प्रार्थना, समाने उनके बैठकर। हे प्रभु सुन लो, अरज मेरी तुम। और दे दो वरदान, अमन चैन से रहने का। ताकि खुश रह सके, अब देशवासी जन।। कितनी बेचैनी मची है, लोगो के परिवार में। […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।