पूरे देश में लॉक डाउन से क्या सम्भव है?

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  पूरे देश में लॉक डाउन से सम्भव है मानव चिंतन व मंथन।जिससे निम्नलिखित सम्भव है।जैसे सम्भव है राष्ट्रप्रेम,राष्ट्रहित व राष्ट्रीय एकता व अखंडता।सम्भव है राष्ट्र की राष्ट्रीयता एवं मानव की मानवीयता के जीवन मूल्यों की सुरक्षा।सम्भव है काम क्रोध लोभ मोह एवं अंहकार का समूल नाश।सम्भव है राष्ट्रद्रोह की अंत्येष्टि।सम्भव है क्रूरता के ताडव का अंत।सम्भव है अफसरशाही पर अंकुश।सम्भव है भ्रष्टाचार के सूर्य का अस्त।सम्भव है कलयुग के काल का काल।सम्भव है बुद्धिहीनता एवं स्वार्थ की प्रलय।सम्भव है बलात्कार व निर्मम हत्या की राक्षशवृति की दौड का समापन।सम्भव है न्यायलयों सत्य मेव ज्यते एवं आडियो-वीडियो का शुभारम्भ।सम्भव है पुरुष आयोग की स्थापना।सम्भव है मानव का मानव के प्रति और राष्ट्र का राष्ट्र के प्रति विद्वेष का सुखद सकारत्मक अंत।सम्भव है काला धन संचय,जमाखोरी व कालाबजारी की नकारात्मक मानसिक प्रवृति का अंत।सम्भव है विदेश मोहभंग।सम्भव है विदेशी बैंकों से काले धन की वापसी।सम्भव है सतयुग की वापसी।सम्भव है नारी-नर में विश्वास का उत्थान।सम्भव है कर्तव्यपालन की भावना।सम्भव है वैश्विक शत्रुता का अंत और मित्रता का उदय।सम्भव है राजा और प्रजा में विश्वास का घनत्व।सम्भव है उन बाग-बगीचों का पुनरागमन,जिनके फल व पुष्पों से निरंतर सुगंधित सुगंध का प्रवाह होता है।

ईंदू भूषण बाली

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आशीष

Mon Mar 30 , 2020
ईश्वरीय प्रेम की सौगात है देवी रूप में घर की शान जन्म जब उसका हुआ खुशियां बढ़ी बढा मान घर आंगन खेलती जब पूरी दुनिया खिल जाती उसके चेहरे की हंसी देख सारी थकान मिट जाती आध्यात्म से घर संसार में परमात्म कृपा बरस रही बिटिया श्रद्धा के जन्मदिन पर […]

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संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।