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दो बिल्लियाँ बड़ी सयानी
करती हैं मनमानी
अकड़म-बकड़म करती रहती
दिन भर करती शैतानी।
माँ-बापू समझाकर जाते
ऐसा करम न करना
देना पड़े हमे संसद में
मंहगाई पर धरना।
मार रही सरकार हमको
घुसपैठी घर के अन्दर
ढोल-नगाड़े बजा रहे
नाँच रहे मस्त कलंदर।
भुखमरी के कारण घरमे
पड़ गया रोना-पीटा
मौका पाकर घुसपैठियों ने
दौड़ा-दौड़ा कर पिता।
#श्रवण राज ‘लयरिसिस्ट राज’
परिचय :
नाम-श्रवण राज
उपनाम-लयरिसिस्ट राज
वर्तमान-शाहजहांपुर
राज्य-उत्तर-प्रदेश
शहर-शाहजहांपुर
शिक्षा-ग्रेजुएशन
कार्यक्षेत्र-गीतकार
विधा- कम्पोजिंग
प्रकाशन-कुछ प्रिंट मीडिया (2010-2011)
सम्मान- कोई नही।
ब्लॉग-कोई नही।
अन्य उपलब्धियां-फ़िल्म प्रोडक्शन वर्किंग मुंबई और निरंतर अपडेट सांग फेसबुक सोशल नेटवर्क।
लेखन का उद्देश्य- स्वतंत्र रहना।
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Tue May 15 , 2018
इंसान के जीवन में कब कैसे और कहाँ पर आ के परिवर्तन आ जाये और वो सब कुछ त्याग कर खुद का कल्याण करने को निकल जाये / मानव का मन बहुत ही चंचल सा होता है और वो कभी भी स्थिर नहीं रहता / हमेशा यहाँ से वहां दौड़ता […]